बिलासपुर। BJP के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल बिलासपुर में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेंगे। सांसद अरूण साव के अध्यक्ष बनने के बाद उनका पहला दौरा है। यह संभाग स्तरीय बैठक होगी, जिसमें वे पदाधिकारियों की कामकाज की समीक्षा करेंगे। माना जा रहा है कि उनकी इस बैठक के बाद कई जिला अध्यक्ष व संगठन के नेताओं में फेरबदल भी किया जा सकता है।
दरअसल, BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अजय जामवाल को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी है। करीब 10 दिन पहले अपने पिछले दौरे में उन्होंने रायपुर में प्रदेश पदाधिकारी, कोर ग्रुप, संभाग और जिला प्रभारियों के साथ ही मीडिया विभाग और आईटी सेल व क्षेत्रीय संगठन मंत्री की अलग-अलग बैठकें ली थी।
इस बैठक के बाद ही उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट दी। जिसके आधार पर संघ से जुड़े और जमीनी स्तर के कार्यकर्ता रहे बिलासपुर सांसद अरूण साव को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। माना जा रहा है कि जामवाल छत्तीसगढ़ भाजपा की वापसी की रणनीति को लेकर काम कर रहे हैं। यही वजह है कि वे संगठन में आमूलचूल बदलाव लाना चाहते हैं।
संघ को पार्टी में समेटने की कोशिश करेंगे जामवाल
भाजपा में 15 साल की सत्ता में रहते संघ के पदाधिकारियों को दूर कर दिया गया था। जिसके चलते पार्टी संगठन के पदाधिकारी और संघ के कार्यकर्ताओं की दूरी बढ़ गई। BJP के पदाधिकारी सत्ता खोने के बाद भी इस कमी को दूर नहीं कर पाए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल पार्टी को मजबूत बनाने के लिए संगठन के साथ ही संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को तवज्जो देंगे।
मिशन 2023 की बनेगी रणनीति
BJP का शीर्ष नेतृत्व अब छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव को देखते हुए कांग्रेस को पटखनी देने की रणनीति तैयार कर रहा है। बताया जा रहा है कि अजय जामवाल संगठन शिल्पी हैं। उन्होंने पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और नार्थ-ईस्ट में काम किया है। नार्थ-ईस्ट में भाजपा का परचम लहराने में उनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार लाने के लिए ही उन्हें यहां संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।
बिलासपुर में भी हो सकता है बदलाव
पिछले तीन साल में बिलासपुर में भाजपा संगठन के पदाधिकारी जिस तरह से काम कर रहे हैं, इससे यहां भी बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। सत्ता खोने के बाद भी संगठन के पदाधिकारी तीन साल में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर नहीं कर पाए हैं। यह अलग बात है कि अभी अरूण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है और उत्साह दिखाई देने लगा है।