रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस पर आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व प्रदेश के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू किए जाने की घोषणा की है। इसमें से 252 स्कूल बस्तर एवं सरगुजा संभाग में होंगे। उन्होंने कहा कि ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना’ से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आई है। मुख्यमंत्री सोमवार को स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के बाद जनता के नाम संदेश दे रहे थे।
रायपुर पुलिस ग्राउंड में हुए समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं और 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेजी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 52 हजार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिसमें 1 लाख 3 हजार बच्चे अंग्रेजी माध्यम तथा 1 लाख 49 हजार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं।
योजना की सफलता को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि अधिक से अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। दंतेवाड़ा जिले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बदला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, अपना वादा निभाते हुए हमने नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है।
मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा की भी कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने के लिए हमने हिन्दी के अलावा 16 स्थानीय भाषाओं में तथा 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित कराई हैं। ‘निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना’ के तहत पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक सभी शासकीय-अशासकीय स्कूलों तथा 8वीं कक्षा तक मदरसों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं। नवीं कक्षा में पढ़ने वाली 1 लाख 55 हजार छात्राओं को इस वर्ष निशुल्क साइकल देने का लक्ष्य रखा गया है।
व्यावसायिक और उच्च शिक्षा पर भी बना रहेगा जोर
मुख्यमंत्री ने कहा, स्कूली शिक्षा को रोजगारमूलक बनाने के लिए उसका आईटीआई के साथ समन्वय किया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा और आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र एक साथ प्राप्त हो सके। इस योजना के तहत 114 हायर सेकेंडरी स्कूलों को जोड़ा जा चुका है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 1 हजार 459 सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और ग्रंथपालों की नियुक्ति की गई है। अतिथि व्याख्याताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। सभी जिलों में कन्या महाविद्यालय खोलने के क्रम में मुंगेली में नया कन्या महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया गया है।
उच्च शिक्षा के नये मॉडल पर भी काम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, दुर्गम वन अंचलों में पीपीपी मॉडल पर महाविद्यालय खोलने की कोशिश से शिक्षा का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही उत्कृष्ट शासकीय महाविद्यालयों में मुक्त दूरवर्ती शिक्षा केन्द्र की स्थापना, स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम और बस्तर विश्वविद्यालय में आदिवासी लोक नृत्य एवं संगीत पर सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की पहल हुई है। इससे युवाओं को पढ़ाई पूरी करने के साथ बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे।
10 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी हो चुकी शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए हैं। इसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया। यह काम अब अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।