
नई दिल्ली। गुजरात में 12 जून को 242 यात्रियों और चालक दल को लेकर लंदन जाने वाला विमान AI171 अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। देखते ही देखते एअर इंडिया का विमान आग का गोला बन गया था। हादसे में विमान में सवार 52 ब्रिटिश नागरिकों सहित 241 लोगों की मौत हो गई थी। एक व्यक्ति हादसे में बच गया था, जिसका इलाज चल रहा है। मामले में सरकार ने शनिवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और हादसे की पूरी कहानी बताई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने मीडिया को विस्तार से मामले की पूरी जानकारी दी।
दुर्घटना से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की
उन्होंने आगे बताया कि दोपहर 1:39 बजे पायलट ने अहमदाबाद एटीसी को मे डे की सूचना दी यानी पूरी तरह से इमरजेंसी थी। एटीसी के मुताबिक जब उसने विमान से संपर्क करने की कोशिश की तो उसे कोई जवाब नहीं मिला। ठीक एक मिनट बाद यह विमान मेधानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जो एयरपोर्ट से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव सुंदर थे। जहां तक विमान की बात है तो इस दुर्घटना से पहले विमान ने पेरिस-दिल्ली-अहमदाबाद सेक्टर की उड़ान बिना किसी परेशानी के पूरी की थी। दुर्घटना के कारण दोपहर 2:30 बजे रनवे को बंद कर दिया गया और सभी प्रोटोकॉल पूरे करने के बाद शाम पांच बजे से अहमदाबाद के रनवे को सीमित उड़ानों के लिए खोल दिया गया।’
दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा, ‘पिछले दो दिन बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास हुई दुर्घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर गया था, ताकि देख सकूं कि क्या किया जाना चाहिए? क्या सहायता प्रदान की जानी चाहिए? ऐसा ही गुजरात सरकार ने भी किया। भारत सरकार और मंत्रालय के अन्य लोगों भी ऐसा ही कर रहे थे।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को तुरंत सक्रिय किया गया
उन्होंने आगे कहा, ‘जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो हमने देखा कि सभी संबंधित विभागों की प्रतिक्रिया टीमें जमीन पर काम कर रही थीं, जो भी संभव हो, बचाव करने की कोशिश कर रही थीं, आग पर काबू पाने और मलबे को हटाने की कोशिश कर रही थीं, ताकि शवों को जल्द से जल्द अस्पताल भेजा जा सके। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो, जिसे विशेष रूप से विमानों के आसपास होने वाली घटनाओं, दुर्घटनाओं की जांच करने के लिए बनाया गया था, को तुरंत सक्रिय किया गया।’
डीजीसीए ने भी 787 विमानों की विस्तृत निगरानी करने का आदेश दिया
राम मोहन नायडू ने कहा, ‘हमारे देश में सुरक्षा के बहुत सख्त मानक हैं। जब यह घटना घटी, तो हमें भी लगा कि बोइंग 787 सीरीज की विस्तृत निगरानी की जरूरत है। डीजीसीए ने भी 787 विमानों की विस्तृत निगरानी करने का आदेश दिया है। आज हमारे भारतीय विमान बेड़े में 34 विमान हैं। मेरा मानना है कि 8 विमानों की पहले ही जांच हो चुकी है और तत्काल सभी विमानों की जांच की जाएगी।
‘प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो’
उन्होंने कहा कि जान गंवाने वाले लोगों की कहानियां देखना बहुत ही दुखद हैं। हमने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि वह यात्रियों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करे। एक तरफ डीएनए परीक्षण भी हो रहा है, ताकि शवों की पहचान की जा सके और उन्हें संबंधित परिवारों को दिया जा सके। गुजरात सरकार इसके साथ समन्वय कर रही है। डीएनए परीक्षण की पुष्टि होने के बाद शवों को संबंधित परिवारों को दिया जाएगा और हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह प्रक्रिया भी जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी, लेकिन दस्तावेजीकरण और प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रक्रिया या प्रोटोकॉल में कोई चूक न हो।
ब्लैक बॉक्स के जरिए मिलेगी अहम जानकारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि AAIB के माध्यम से हो रही तकनीकी जांच से एक महत्वपूर्ण अपडेट कल शाम 5 बजे के आसपास घटनास्थल से ब्लैक बॉक्स की बरामदगी है। AAIB टीम का मानना है कि ब्लैक बॉक्स की यह डिकोडिंग गहराई से जानकारी देने वाली है। दुर्घटना की प्रक्रिया के दौरान या दुर्घटना से पहले के क्षणों में वास्तव में क्या हुआ होगा? इसकी जानकारी भी ब्लैक बॉक्स के जरिए ही मिलेगी। हम इस बात का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि AAIB की ओर से पूरी जांच के बाद क्या परिणाम या रिपोर्ट सामने आएगी।
हर पहलू का विश्लेषण होगा
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि जो भी थ्योरी इस वक्त चल रही है, जांच में उससे जुड़े हर पहलू का विश्लेषण होगा। तीन महीने में विस्तृत रिपोर्ट जारी होगी। रिपोर्ट में हादसे के अलावा भविष्य में ऐसी घटना न हो, इस पर सिफारिशें की जाएंगी।