
नई दिल्ली। राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने की मांग की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह याचिका पर समय पर निर्णय ले। उन्होंने राम सेतु का भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत के जनवरी 2023 के एक आदेश के बाद केंद्र सरकार को आवेदन दिया था। इस पर अब तक सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है । राम सेतु भारतीय कानून के तहत एक प्राचीन स्मारक के रूप में योग्य है । उन्होंने कहा कि यह प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 , विशेष रूप से अधिनियम की धारा 3 और 4 में मानदंडों को पूरा करता है। राम सेतु प्राचीन स्मारक कहलाने के लिए सभी निर्धारित मानदंडों को पूरा करता है। क्योंकि यह ऐतिहासिक, पुरातात्विक और कलात्मक शर्तों को पूरा करता है।
याचिका में कहा गया है कि प्राचीन स्मारकों को राष्ट्रीय महत्व और राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने वाले नियम के तहत केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि रामसेतु लोगों की आस्था और श्रद्धा का विषय है। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषिज करने की प्रक्रिया संस्कृति मंत्रालय में चल रही है। स्वामी ने कहा कि केंद्र ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग पर 2017 में बैठक बुलाई थी, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ।