ऑपरेशन के बाद संवाद का किया गया प्रयास, जयशंकर पर राहुल के आरोप के बीच DGMO का बयान वायरल

Did attempt to communicate in immediate wake of Op Sindoor: DGMO remarks resurfaces after Rahul's allegation

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और केंद्र सरकार के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर आरोप लगाया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान को हमले की जानकारी पहले ही दे दी थी। इस पर अब सेना की ओर से स्पष्टीकरण आया है।

क्या है मामला?
राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें विदेश मंत्री जयशंकर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी। इसी बात को आधार बनाकर राहुल गांधी ने कहा, ‘हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचना देना एक अपराध है। विदेश मंत्री ने खुद सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार किया है। किसने इसकी अनुमति दी थी? इस वजह से हमारी वायुसेना ने कितने विमान गंवाए?

सेना की सफाई- डीजीएमओ ने क्या कहा?
सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने 11 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के आरोपों पर परोक्ष रूप से जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद हमने पाकिस्तान को यह बताने की कोशिश की कि हमें आतंक के केंद्र पर हमला करने की मजबूरी थी। लेकिन पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारी बात को सख्ती से खारिज कर दिया और कहा कि इसका गंभीर जवाब दिया जाएगा। हम इसके लिए पूरी तरह तैयार थे।’ इससे साफ होता है कि भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से पहले नहीं, बल्कि उसके तुरंत बाद संपर्क करने की कोशिश की थी।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को भारतीय सेना द्वारा उस आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 नागरिक मारे गए थे। ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े लोग शामिल थे।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब
भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर गोलाबारी और ड्रोन हमलों की कोशिशें कीं। इसके जवाब में भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस पर एक साथ एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को भारी नुकसान पहुंचाया। 10 मई को दोनों देशों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई और गोलीबारी रुक गई।