संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, भारत की गैर-मौजूदगी के बीच वहां भी किरकिरी

संयुक्त राष्ट्र । भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बंद कमरे में अहम बैठक की। इस दौरान राजदूतों ने दोनों देश से संयम बरतने और बातचीत करने की अपील की। पाकिस्तान वर्तमान में शक्तिशाली परिषद का एक अस्थायी सदस्य है। उसने ही परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच स्थिति पर बंद कमरे में विचार-विमर्श का अनुरोध किया था। हालांकि, उसका यह मंसूबा भी कामयाब नहीं हुआ। पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद बैठक तो बुलाई गई, लेकिन बैठक के बाद अब तक न ही परिषद और न ही किसी देश ने इस मंथन को लेकर कोई बयान जारी किया। बैठक में आदत से मजबूर पाकिस्तान ने शराफत का ढोंग किया, लेकिन परिषद ने अब तक इसे कोई तवज्जो नहीं दी। 

15 देशों की सुरक्षा परिषद की ओर से आयोजित यह विचार-विमर्श सोमवार दोपहर करीब डेढ़ घंटे तक चला, लेकिन बैठक के बाद परिषद की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि बंद कमरे में विचार-विमर्श के मकसदों में परिषद के सदस्यों को भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल और बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के तैयार कराना और हालात से निपटने के तरीकों पर मंथन करना शामिल है। बैठक में टकराव से बचने की कवायदों पर विचार विमर्श भी शामिल है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

ग्रीस ने बैठक निर्धारित की थी
दुनिया के कई देशों के सामने पाकिस्तान के नाक रगड़ने के बाद मई महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष ग्रीस ने सोमवार दोपहर को बैठक निर्धारित की थी। बंद कमरे में हुई यह बैठक यूएनएससी चैंबर में नहीं हुई, जहां परिषद के सदस्य घोड़े की नाल जैसी मेज पर बैठते हैं। बैठक चैंबर के बगल में एक परामर्श कक्ष में हुई।

बातचीत के रास्तों को अपनाने का आह्वान
राजनीतिक और शांति निर्माण मामलों और शांति संचालन विभागों में मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत के सहायक महासचिव ट्यूनीशिया के खालिद मोहम्मद खैरी ने दोनों विभागों (डीपीपीए और डीपीओ) की ओर से परिषद को मामले से अवगत कराया। बैठक से बाहर आकर उन्होंने कहा कि संघर्ष को संवाद के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए। स्थिति फिलहाल अस्थिर है, इसलिए बातचीत के रास्तों को अपनाने का आह्वान किया गया।

तनाव कम करने में परिषद की भूमिका पर सवालों का क्या मिला जवाब?
संयुक्त राष्ट्र में ग्रीस के स्थायी प्रतिनिधि और मई महीने के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष राजदूत इवेंजेलोस सेकेरिस ने बैठक को सार्थक करार दिया। उन्होंने ज्यादा जानकारी साझा न करते हुए बैठक को हालत सुधारन में मददगार बताया। तनाव कम करने में परिषद की भूमिका पर सवालों के जवाब में सेकेरिस ने कहा कि सुरक्षा परिषद हमेशा ऐसे प्रयासों में मददगार होती है।

भारत ने पाकिस्तान के मंसूबों पर फेरा पानी
यूएनएससी की बैठक से पहले यूएन में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पीटीआई से कहा था कि ऐसी चर्चा से कोई सार्थक परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अगर संघर्ष या तनाव में शामिल कोई पक्ष परिषद की अपनी सदस्यता का उपयोग करके धारणाओं को आकार देने का प्रयास करता है तो इसका कोई भी मतलब नहीं निकलता। भारत ऐसे पाकिस्तानी प्रयासों को विफल करेगा।

भारतीय कूटनीति के सामने पाकिस्तान ढेर
बैठक के बाद सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘अतीत की तरह आज भी पाकिस्तान का दिखावा विफल रहा। जैसा कि हम सभी को उम्मीद थी परिषद की ओर से कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं आई। भारतीय कूटनीति ने एक बार फिर सुरक्षा परिषद के हस्तक्षेप की मांग करने के पाकिस्तानी प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया है।

पांच वीटो-संचालित स्थायी सदस्यों के अलावा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य
पांच वीटो-संचालित स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य हैं- अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया।