सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष से पृथ्वी तक का सफर, तस्वीरों में देखिए जादुई लम्हे

कैलिफोर्निया। अंतरिक्ष में फंसे नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ‘स्पेसएक्स’ का यान बुधवार तड़के (भारतीय समय 3:27) धरती पर पहुंचा। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स की नौ महीने बाद धरती पर वापसी हुई है। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा की खाड़ी में पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा। जिसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। 

Sunita Williams' journey from space to Earth, see moments in pictures

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी – फोटो : पीटीआई

एक घंटे बाद कैप्सूल से बाहर आए यात्री
स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा के पनहैंडल में स्प्लैशडाउन हुआ। स्प्लैशडाउन के लगभग एक घंटे के बाद अंतरिक्ष यात्री अपने कैप्सूल से बाहर आए, कैमरों की ओर हाथ हिलाते हुए मुस्कुरा रहे थे। उन्हें चिकित्सा परीक्षण के लिए स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जो लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशन के बाद एक सामान्य प्रक्रिया है।

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सुनीता विलियम्स की घर वापसी – फोटो : पीटीआई

5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन पर भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी। 

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कैप्सूल समुद्र में लैंड किया – फोटो : पीटीआई

जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा के व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। 

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पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा कैप्सूल – फोटो : पीटीआई

इस मिशन का लक्ष्य अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के रोटेशनल मिशन (बारी-बारी से मिशन) को अंजाम देने की स्टारलाइनर की क्षमता को दिखाना था। लंबी अवधि की उड़ानों से पहले तैयारी को परखने और जरूरी परफॉर्मेंस डेटा जुटाने के लिए क्रू उड़ान परीक्षण को बनाया गया था।  

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पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा कैप्सूल – फोटो : पीटीआई

किस वजह से आईएसएस पर ही फंस गईं सुनीता और बैरी?
हालांकि, अंतरिक्ष स्टेशन के लिए स्टारलाइनर की उड़ान के दौरान, अंतरिक्ष यान के कुछ थ्रस्टर्स ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। थ्रस्टर्स’ आमतौर पर कम फोर्स वाले रॉकेट मोटर्स को कहा जाता है। थ्रस्टर्स के कमजोर प्रदर्शन के अलावा स्टारलाइनर के हीलियम सिस्टम में कई लीक भी देखे गए। 

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कैप्सल से बाहर निकलने पर सुनीता ने किया अभिनंदन – फोटो : पीटीआई

इसके बाद नासा और बोइंग ने अंतरिक्ष यान के बारे में व्यापक डेटा विश्लेषण के जरिए जानकारी जुटाई। इस जांच में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया दुर्घटना के बाद स्थापित हुए संगठन शामिल थे। यह दुर्घटना 1 फरवरी, 2003 को हुई थी। यह दुर्घटना तब हुई थी जब कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में वापस आ रहा था। इस दुर्घटना में सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे जिसमें भारतीय मूल की कल्पना चावला भी शामिल थीं। 

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कैप्सूल से बाहर आईं सुनीता विलियम्स – फोटो : पीटीआई

सबसे ज्यादा कुल दिन तक अंतरिक्ष में रहने के मामले में
सुनीता विलियम्स अब तक तीन बार अंतरिक्ष मिशन पर जा चुकी हैं। इनमें 2006, 2013 और 2024 के स्पेस मिशन शामिल हैं। जहां उन्होंने कुल मिलाकर 608 घंटे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर बिताए हैं। नासा के किसी अंतरिक्ष यात्री के लिहाज से यह अंतरिक्ष में दूसरी सबसे ज्यादा अवधि है। अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों में उनसे आगे सिर्फ पेगी व्हिटमोर हैं, जिन्होंने आईएसएस पर 675 दिन बिताए हैं।