पीथमपुर में 19 मार्च को निकलेगी बाबा कलेश्वर नाथ की बारात, हसदेव नदी में करेंगे नागा साधु शाही स्नान

Baba Kaleshwar Nath procession will be taken out on March 19 Naga sadhus will take a royal bath in Hasdeo riv

जांजगीर चांपा। जांजगीर चांपा जिले के जीवन दायिनी हसदेव नदी के किनारे बसे ग्राम पीथमपुर में बाबा कलेश्वर नाथ की 19 मार्च को रंग पंचमी के दिन भव्य बारात निकली जाएगी,देशभर के नागा साधु इस बारात में शामिल होते है और अपने अखाड़ों का प्रदर्शन करते है। मान्यता है कि बाबा कलेश्वर नाथ की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने पर निः संतान को संतान और पूरे पेट सम्बंधित रोग से मुक्ति मिलती है। साथ ही गांव में मेला का आयोजन किया गया है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शामिल और आशीर्वाद के लिए पहुंचते है।

जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बाबा कलेश्वर नाथ की मंदिर जोकि हसदेव नदी के तट पर है। इस मंदिर को 450 साल हो चुके है इसे छोटा उज्जैन के नाम से भी जाना जाता है। जोकि जांजगीर चांपा सहित अन्य जिलों में भी इसकी महानता से लोग भली-भाती जानते है। बाबा कलेश्वर नाथ की दर्शन के लिए दूर -दूर से भक्त पहुंचे हैं। 

इस बार की रंग पंचमी 19 मार्च को होगी यह होली के 5 दिन बाद आता है। रंग पंचमी के दिन देश भर से नागा साधु शाही स्नान के लिए पहुंचते है बाबा कलेश्वर नाथ की बारात में शामिल होते हैं । अलग -अलग अखाड़े से आए नागा साधु अपना कला दिखाते हैं, जिससे पूरा क्षेत्र भक्ति मय माहौल होता है। 

बाबा कलेश्वर नाथ की पालकी चांदी से बनी होती है जिसमें  पंचमुखी रूप में चांदी के पालकी में सवार होकर मंदिर से हसदेव नदी तक बाजे गाजे के साथ पहुंचते हैं।वहाँ नागा साधु शाही स्नान भी करते हैं । यह परंपरा 450 सालों से चलता आ रहा है। जिसका अभी भी उसी परंपरा से विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। 

मान्यता है कि बाबा कलेश्वर नाथ को जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना कर मंदिर में जो भी मनोकामना रखते हैं उसे बाबा कलेश्वर नाथ पूरी करते हैं। यह भी खास बात है कि निःसंतान दंपति बाबा के समक्ष माथा टेक कर पूजा अर्चना करते हैं उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। एक ओर जो भी पेट दर्द से संबंधित समस्याओं से जूझ रहा है उसे भी रोग से मुक्ति मिलती है। 

बाबा कलेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए जांजगीर चांपा सहित अन्य जिलों और राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसे भक्त छोटा उज्जैन के नाम से भी जानते हैं। पीथमपुर पहुंचने के लिए जांजगीर से रेलवे स्टेशन से 15 किलो मीटर, चांपा रेलवे स्टेशन 10 किलो मीटर की दूरी सफर तय करना होगा।