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नईदिल्ली : कोरोनावायरस (सार्स-सीओवी-2) ने वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौतियां पेश कीं। साल 2019 के आखिर के महीनों में शुरू हुई कोरोना महामारी अब तक 70.47 करोड़ से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुकी है जबकि 70 लाख से अधिक लोगों की इससे मौत हुई है। दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले फिलहाल भले ही कंट्रोल में हैं पर इसमें म्यूटेशन और नए वैरिएंट्स के सामने आने का जोखिम लगातार बना हुआ है।
इसी बीच चीन में वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के कोरोनावायरस का पता लगाया है जिसमें भी बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता हो सकती है। HKU5-CoV-2 नामक इस नए कोरोनावायरस के मनुष्यों में तेजी से फैलने और गंभीर रोगों का खतरा बताया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स बताते हैं कि एचकेयू5-सीओवी-2 कई मामलों में कोविड-19 रोग का कारण बनने वाले वायरस (सार्स-सीओवी-2) से मिलता-जुलता माना जा रहा है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि पहले और इस नए कोरोनावायरस में क्या अंतर है और कौन सा अधिक खतरनाक हो सकता है? आइए इस बारे में जानते हैं।
चीनी वैज्ञानिकों ने नए कोरोनावायरस का लगाया पता
चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस नए एचकेयू5-सीओवी-2 नामक बैट कोरोनावायरस की पहचान की है। जर्नल सेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार वायरस से इसकी समानता देखी गई है, जिसने लोगों को काफी डरा दिया है। वैसे तो अभी तक ये नया वायरस मनुष्यों में नहीं देखा गया है, हालांकि अध्ययनों से पता चला है कि यह मानव ACE2 रिसेप्टर्स से बाइंड होकर श्वसन तंत्र में उसी तरह से प्रवेश कर सकता है जैसा कि पहले के सार्स-सीओवी-2 में देखा गया था।
कोविड-19 से मिलता-जुलता वायरस
HKU5-CoV-2 की खोज ऐसे समय में हुई है जब दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी के दीर्घकालिक प्रभावों से जूझ रही है। शोधकर्ता बताते हैं कि निश्चित ही इस नए वायरस की प्रकृति कई मामलों में कोविड-19 रोग का कारण बनने वाले वायरस की तरह देखी गई है, हालांकि फिलहाल इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है।
कोविड-19 के मामले में देखा गया था कि वायरस काफी तेजी से ह्यूमन ACE2 रिसेप्टर्स से बाइंड होकर शरीर में बढ़ने लगता था, पर एचकेयू5-सीओवी-2 के मामले में प्रारंभिक अध्ययनों से पता चलता है कि इसकी बाइंडिंग उतनी प्रभावी नहीं होगी। ऐसे में इस नए वायरस के कारण व्यापक संक्रमण होने या किसी नई महामारी की ज्यादा आशंका नहीं है।
नए वायरस को हल्के में न लेने की सलाह
रिपोर्ट कहती है भले ही एचकेयू5-सीओवी-2 के कारण अभी कोई गंभीर खतरा नजर नहीं आ रहा है, लेकिन विशेषज्ञ निरंतर निगरानी के महत्व पर जोर देते हैं। महामारी विशेषज्ञ कहते हैं, जब वायरस शुरुआत में विकसित होते हैं तब अपेक्षाकृत हानिरहित लगते हैं हालांकि कई बार इसके कारण भविष्य में गंभीर संक्रामक जोखिम देखे गए हैं। इस नए वायरस को अनदेखा नहीं किया जा सकता है।
क्या इससे नई महामारी का हो सकता है खतरा?
मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम कहते हैं, साल 2019 में जब नोवेल कोरोनावायरस फैला था, उसकी तुलना में वैश्विक आबादी में अब सार्स और मर्स वायरस के प्रति बहुत अधिक प्रतिरक्षित हो गई है। ऐसे में एचकेयू5-सीओवी-2 के कारण भी महामारी आने का जोखिम होगा, इसकी आशंका फिलहाल नहीं है। हालांकि वायरस कितना खतरनाक हो सकता है इसको समझा जाना अभी बाकी है।
वायरस की प्रकृति को समझने के लिए अभी विस्तार से अध्ययन किया जाना है। फिलहाल प्रारंभिक स्तर कहा जा सकता है कि सार्स-सीओवी-2 की तुलना में एचकेयू5-सीओवी-2 थोड़ा कमजोर है और लोगों के अधिक प्रतिरक्षित होने के कारण इससे अभी तक गंभीर जोखिम पैदा होने की आशंका भी कम जताई जा रही है।