छत्तीसगढ़: बर्खास्त B.Ed टीचर्स को पुलिस ने सड़क से घसीटकर उठाया, रोती हुई शिक्षिका बोली- ‘पुलिस ने कपड़े फाड़े, गलत तरीके से किया टच’

रायपुर । रायपुर के तेलीबांधा (मरीन ड्राइव) पर रविवार को बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने समायोजन की मांग को लेकर 10 घंटे तक चक्काजाम किया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके परिजन शामिल थे। जिन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी बहाली की मांग की।

प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने रात 10 बजे सख्ती दिखाई और उन्हें खींचकर बसों में भरकर वहां से हटा दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जोरदार विरोध जताया। एक महिला शिक्षिका ने रोते हुए बताया कि, पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती लड़कियों को टच किया। हमारे कपड़े फाड़ दिए गए। कुछ लोग शराब पीकर भी आए थे। वहीं, गाड़ी पर बैठाते समय लड़कों के भी कपड़े फट गए।

प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प में कई महिला टीचर्स के कपड़े तक फट गए। - Dainik Bhaskar

प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प में कई महिला टीचर्स के कपड़े तक फट गए।

रविवार देर रात प्रदर्शन कर रहे B.Ed शिक्षकों को पुलिस ने हटाया। बसों में भरकर ले गई। - Dainik Bhaskar

रविवार देर रात प्रदर्शन कर रहे B.Ed शिक्षकों को पुलिस ने हटाया। बसों में भरकर ले गई।

पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी

प्रदर्शन के कारण तेलीबांधा मरीन ड्राइव पर दोपहर से लेकर रात तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। दिनभर वाहन फंसे रहे। जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस प्रदर्शन के दौरान शहर में ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ी रही। बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों को हटाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

प्रदर्शनकारियों को खींच-घसीटकर बसों में बैठाया 

पुलिस का कहना है कि, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया। इस दौरान कई टीचर्स बेहोश हो गईं। इनका कहना है कि, नौकरी से हटाए जाने के बाद दिक्कतें बढ़ गई हैं। वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। जब तक उनकी नौकरी बहाल नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

तेलीबांधा में दोपहर से देर रात तक प्रदर्शनकारी बैठे रहे। रात में मोबाइल का की फ्लैशलाइट ऑन कर विरोध जताया। - Dainik Bhaskar

तेलीबांधा में दोपहर से देर रात तक प्रदर्शनकारी बैठे रहे। रात में मोबाइल का की फ्लैशलाइट ऑन कर विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों में आक्रोश, सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को सुनने के बजाय उन्हें दबाने की कोशिश कर रही है। फिलहाल, सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।