रायपुर । छत्तीसगढ़ में बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों ने रायपुर के तेलीबांधा में चक्काजाम कर दिया है। नौकरी से निकाले गए सहायक शिक्षक सड़क पर परिजनों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
मरीन ड्राइव के सामने की सड़क पर बैठकर इस समय बर्खास्त शिक्षकों ने धरना दे दिया है। सहायक शिक्षकों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी पहुंचे हैं। हालात को देखते हुए पुलिस बल भी यहां तैनात है। और समझाइश की कोशिशें जारी है। लेकिन इस इलाके में लंबा जाम लगा हुआ है।
मौके पर पहुंची पुलिस ने आगे जाने का रास्ता ब्लॉक कर दिया है।
मंत्री का बंगला भी घेर चुके हैं बर्खास्त शिक्षक
शनिवार की सुबह बर्खास्त शिक्षकों ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव कर दिया था। समायोजन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे शिक्षक सुबह 5 बजे अचानक मंत्री के बंगले पहुंचे और यहां गेट के बाहर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी थी।
काफी देर तक समझाइश के बाद जब प्रदर्शनकारी नहीं उठे जब पुलिस ने जबरदस्ती उन्हें हटाया और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले मंत्री ओपी चौधरी का बंगला घेर चुके हैं शिक्षक
समर्थन में आए कांग्रेसी नेता
बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर चल रहा है। नौकरी से निकाले गए इन शिक्षकों के समर्थन में अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के अलावा कांग्रेस नेता भी पहुंच रहे हैं।शुक्रवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू भी मौजूद रहे। इस दौरान महिला सहायक शिक्षकों ने बैज को राखी बांधी।
इस दौरान बैज ने कहा कि कांग्रेस सहायक शिक्षकों की मांगों का पूरा समर्थन करती है। सरकार का दायित्व है कि सेवाएं सुरक्षित रखी जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो रास्ता निकाल सकती है। बैज बोले कि नौकरी से सीधे हटा देना पूरी तरह गलत है। राज्य में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, फिर भी सहायक शिक्षकों को बाहर करना गलत है।
बीजेपी कार्यालय का घेराव कर चुके हैं सहायक शिक्षक
भूपेश बघेल भी गए थे धरना स्थल
2 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी धरना स्थल पहुंचे थे। बीजेपी कार्यालय घेरने गए 30 सहायक शिक्षकों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए। उन्होंने कहा था कि जो 30 सहायक शिक्षक जेल में हैं, उनके साथ के लिए हम सब जेल जाएंगे।
डरने की कोई बात नहीं है। आजादी की लड़ाई में भी जेल से हुई थी। उन्होंने कहा कि NSUI और यूथ कांग्रेस के छात्र भी बर्खास्त शिक्षकों के साथ आंदोलन पर बैठेंगे।
B.Ed मामले में जानिए अब तक क्या हुआ
- पहले निकाली गई अनुनय यात्रा
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।
धरना स्थल पर लगाया ब्लड डोनेशन कैंप
धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद, शिक्षकों ने 22 दिसंबर को धरना स्थल में ही ब्लड डोनेशन कैंप लगाया। इस शिविर में शिक्षकों ने रक्तदान कर सरकार तक यह संदेश पहुंचाया कि वे समाज और देश की भलाई के लिए समर्पित हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
शिक्षकों ने कराया सामूहिक मुंडन
26 दिसंबर- आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा, ये केवल बालों का त्याग नहीं बल्कि उनके भविष्य की पीड़ा और न्याय की आवाज है।
28 दिसंबर- आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। कहा कि,यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे।
29 दिसंबर- आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे।
30 दिसंबर –पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लेकर जल सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर अटल हैं। सरकार तक ये संदेश देना चाहते हैं कि सुशासन में हमारी नौकरी भी बचा ली जाए और समायोजन किया जाए।
1 जनवरी – सभी प्रदर्शनकारियों ने मिलकर माना स्थित बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव कर दिया। यहां की प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
2 जनवरी – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
3 जनवरी – सरकार ने एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक कमेटी बना दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में 5 अधिकारी शामिल हैं।
3 जनवरी – मांगे पूरी नहीं होने से नाराज सहायक शिक्षकों ने सामूहिक अनशन शुरू किया।
6 जनवरी – राज्य निर्वाचन आयोग जाकर मतदान बहिष्कार के लिए आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
7 जनवरी – शालेय शिक्षक संघ ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया
8 जनवरी – बीरगांव में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने आमसभा की और रैली निकाली
10 जनवरी – NCTE यानि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया।
12 जनवरी – माना से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा निकाली गई।
17 जनवरी – पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।
18 जनवरी – मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का सुबह 5 बजे घेराव कर दिया।
19 जनवरी – तेलीबांधा की सड़क में चक्काजाम कर किया प्रदर्शन।