शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा: ‘अरबों एटम बम दृष्टि मात्र से नष्ट कर सकते हैं, हमसे टकराने की कोशिश न करें’; दुनिया को किया स्तब्ध

मुरादाबाद। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के हालिया बयान ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। एक विशेष सभा में बोलते हुए, शंकराचार्य जी ने कहा कि वे अपनी आध्यात्मिक शक्तियों और सिद्धियों के बल पर किसी भी शत्रु के पास मौजूद अरबों परमाणु बमों को महज एक मंत्र के माध्यम से नष्ट कर सकते हैं। उनके इस दावे ने जहां कई लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है, वहीं उनके अनुयायियों में उत्साह की लहर भी दौड़ गई है।

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई भी आक्रामक कदम उठाने की कोशिश न की जाए, अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उनके अनुसार, आध्यात्मिकता और शक्ति का यह मेल उनकी साधना और तपस्या का परिणाम है, जो किसी भी भौतिक शक्ति को मात दे सकता है।

उनके इस बयान से धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे एक अति-आध्यात्मिकता का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे महज एक प्रतीकात्मक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं। वहीं, वैज्ञानिक समुदाय भी इस पर सवाल उठा रहा है, क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परमाणु बमों को निष्क्रिय करना बेहद जटिल और तकनीकी प्रक्रिया है, जिसे मंत्र के माध्यम से संभव नहीं माना जाता।

हालांकि, उनके अनुयायी शंकराचार्य जी की सिद्धियों में पूर्ण विश्वास रखते हैं और इसे उनके दिव्य ज्ञान एवं आध्यात्मिक शक्ति का उदाहरण मान रहे हैं। शंकराचार्य जी के इस दावे पर दुनियाभर की नज़रें टिक गई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बयान और चेतावनी आगे किस प्रकार की प्रतिक्रियाएं और घटनाएं उत्पन्न करती है।