रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने को MCU भोपाल के पूर्व कुलपति उनके बड़े भाई जगदीश उपासने ने थप्पड़ जड़ दिया। बताया जा रहा है कि सच्चिदानंद उपासने ने शटर का ताला तोड़ा, जिससे बड़े भाई ने तमाचा मार दिया। डकैती करने का आरोप लगाया है। वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई है। मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र का है।
वहीं सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि उनके भाई भूपेश बघेल के मित्र हैं। कांग्रेसियों के साथ मिलकर बीजेपी को बदनाम करने में लगे हैं। उन्होंने मुझे 2 थप्पड़ मारे हैं, लेकिन वह थाने नहीं जाएंगे, क्यों परिवार का मामला है। वे छोटे भाई को भी पीट चुके हैं।
सीसीटीवी में कैद हो गई तमाचा जड़ने की घटना।
दरअसल, घटना 20 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे के आस-पास की है। सच्चिदानंद और जगदीश 92 साल की रजनी ताई के बेटे हैं। रजनी ताई का नाता RSS से रहा है। वह रायपुर की पूर्व विधायक हैं। रायपुर के टिकरापारा थाना इलाके में हरचंद राय पेट्रोल पंप के पास मेन रोड में इनका मकान है। इसी मकान से ये विवाद जुड़ा हुआ है।
बीते दो ढाई साल से यहां सच्चिदानंद नहीं रहते हैं। उन्होंने दूसरा मकान बना लिया, वहीं शिफ्ट हो गए, लेकिन उनका दफ्तर यहीं है। इसी दफ्तर में वह परिवार के लोगों को बिना बताए ताला तोड़कर सामान निकलवा रहे थे। इसी बात पर विवाद हुआ है।
सच्चिदानंद के बड़े भाई जगदीश देश के सीनियर जर्नलिस्ट हैं। उन्होंने सच्चिदानंद उपासने को थप्पड़ जड़ने के बाद घर पर डकैती डालने का आरोप लगाया है। जगदीश उपासने ने घटना का वीडियो और जानकारी अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
यह है पूरा मामला
जगदीश उपासने ने बताया कि ये घर हमारी आई (मां) का है। सच्चिदानंद यहीं रहते थे। बीते कुछ समय से वो यहां नहीं रहते कहीं और बंगला बना लिया। अचानक 8-10 लोगों को लेकर आए और शटर का ताला तुड़वाकर सामान निकलवाने लगे।
उन्होंने कहा कि वह इसे पहले दफ्तर के रूप में इस्तेमाल करते थे। मैंने कहा तुम अपने ही घर में इस तरह ताला तोड़कर क्यों घुस रहे हो। चाबी ले सकते थे। अपनी मां से मिल सकते थे। तीन साल से बूढ़ी मां को देखा तक नहीं।
कल को मुझे, मेरी मां को नुकसान पहुंचा सकते हैं
जगदीश उपासने ने आगे कहा कि इस तरह से ताला तोड़कर घुसना ये तो कानूनन डकैती है। मैं सिक्योरिटी की मांग करूंगा छत्तीसगढ़ सरकार से, मेरी मां की उम्र 92 साल है। उनका दाहिना कंधा टूटा हुआ है। वो ये सब जानकर दुखी हो जाएंगी। वो उठ-बैठ नहीं पातीं। आज जो घर में ताला तोड़कर यूं घुस रहे हैं, कल को मुझे, मेरी मां को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जगदीश उपासने ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह छत्तीसगढ़ है! सत्तारूढ़ भाजपा के दो स्थानीय नेता आज 20 अक्टूबर सुबह 10.30 बजे भाजपा और उसके पूर्वाश्रम जनसंघ की वरिष्ठ नेत्री, रायपुर नगर की पूर्व विधायक 92 वर्षीय रजनी ताई उपासने के घर-आफिस के ताले तोड़कर किस तरह उनके घर पर दिन-दहाड़े डकैती डाल रहे हैं!!
इनमें एक नेता, आलोक श्रीवास्तव भाजपा के किसी प्रकोष्ठ का उपाध्यक्ष है तो दूसरा, पार्टी की सब मदद के बावजूद दो-दो चुनाव हार चुका है और अब जैसा कि पार्टी के जानकार बताते हैं, सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले कुख्यात “बिहारी गैंग” का मुखौटा है।
जगदीश आगे लिखते हैं- आपराधिक प्रवृत्ति के ऐसे लोग विष्णुदेव सरकार के लोक-कल्याणकारी कार्यों और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनकी मुहिम को पलीता लगा रहे हैं। ताले तोड़ने के लिए कारीगर लाने वाला काला कुर्ता पहना व्यक्ति भी भाजपा के इन्हीं दुष्टों का संगी-साथी लगता है।
इन सबको कानून का कोई डर नहीं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कानून का राज सिर्फ बस्तर के नक्सल-पीड़ित क्षेत्र में केंद्र सरकार की मदद से कायम है!
सच्चिदानंद बोले- वह कांग्रेसियों के मोहरे हैं, भूपेश बघेल उनके मित्र हैं
सच्चिदानंद उपासने ने इस पूरे विवाद पर अपनी बात बताई। उन्होंने कहा कि बड़े जगदीश उपासने कांग्रेसियों के मोहरे बनकर भाजपा को बदनाम कर रहे हैं। भूपेश बघेल उनके मित्र हैं। वह कह रहे थे भाजपा वालों को हरा देना। घरेलू मामला है, घर पर ही निपटा सकते थे, वह घर के बड़े हैं, लेकिन सड़क पर मेरे साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा कि दो झापड़ मुझे मारे। पिता जी ने मकान बनाया। मैं 1980 से वहां रहता हूं। वहीं मेरा कार्यालय रहा है। ढाई साल पहले अलग मकान बनाया प्रोफेसर कॉलोनी में तो सामान लेने गया था।
सच्चिदानंद ने कहा कि उन्होंने (जगदीश उपासने) मेरी पत्नी से भी मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया था। वह प्रॉपटी हड़पना चाहते हैं। हम कहते हैं ले लो संपत्ति। मां को अपने कब्जे में रखा है। पहले भी उन्होंने संपत्ति अपने नाम लिखवा ली थी।
इसके बाद मां ने कहा था कि धोखे में रखकर किया तो बाद में मां ने 4 भाई के नाम कर दिया। तब उसने कहा छोड़ूंगा नहीं तुम लोगों को। अब मैं न थाने जाऊंगा न कोर्ट, बस भगवान से प्रार्थना करूंगा कि उन्हें सदबुद्धि दें। हमें प्रॉपर्टी का मोह नहीं है।