हरियाणा का साइड इफेक्ट: आम आदमी पार्टी दिल्ली में अकेले दम पर लड़ेगी चुनाव

नई दिल्ली। हरियाणा में कांग्रेस की हार का सीधा असर दिल्ली की राजनीति पर पड़ा है। आम आदमी पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कोई समझौता नहीं करेगी। पार्टी अपने काम के दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी और जीत हासिल करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ही पार्टी कार्यकर्ताओं से अतिउत्साह में न रहने और मजबूती से चुनाव में उतरने का सुझाव दिया था।  

आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पार्टी ने दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में अरविंद केजरीवाल ने जनता के लिए बहुत काम किया है और उनका काम ही दिल्ली में पार्टी को जीत दिलाने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी दूसरे दल के समर्थन या सहयोग की आवश्यकता नहीं है। जनता का सहयोग और समर्थन अरविंद केजरीवाल के साथ बना हुआ है और उनके लिए यही काफी है। 

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हर राज्य का चुनाव अलग होता है और वे किसी एक राज्य के चुनाव को किसी दूसरे राज्य के चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहतीं। लेकिन जिस तरह दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और अब सीएम आतिशी की सरकार काम कर रही है, उसे देखते हुए उन्हें पूरा भरोसा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी एक बार फिर रिकॉर्ड बहुमत से सरकार बनाएगी।      

भाजपा ने ली चुटकी
विपक्षी दल यह मान रहे हैं कि कांग्रेस ने अपने अति आत्मविश्वास के कारण हरियाणा का चुनाव गंवा दिया। वह अपने नेताओं की आपसी कलह को संभाल नहीं पाई और हरियाणा में डूब गई। इसे लेकर महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक इंडिया के सहयोगी दल कांग्रेस पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने भी कांग्रेस की आलोचना की है। 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि जब से हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम आए हैं, तभी से कांग्रेस के सभी सहयोगी पार्टियों ने उस पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। उनके सहयोगी दल ही कांग्रेस की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह शिवसेना और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की आलोचना की है, उसी से यह साफ हो जाता है कि कांग्रेस एक परजीवी की तरह दूसरे दलों से लाभ ले रही है, लेकिन वह उन्हें कुछ देने की स्थिति में नहीं है। 

पूनावाला ने कहा कि इस तरह का अवसरवादी गठबंधन एक दूसरे के भ्रष्ट्राचार को छुपाने के लिए बना था। इसे देर-सबेर टूटना ही था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस बार अरविंद केजरीवाल की पूरी विदाई तय है। वह किसी भी तरह चुनाव लड़े, उसको हार मिलनी तय है क्योंकि दिल्ली की जनता शराब घोटाले को अपने भाग्यविधाता के तौर पर नहीं देखना चाहती।