दाती महाराज पर चलेगा दुष्कर्म का केस, दो भाइयों पर भी कसा शिकंजा; शिष्य ने की थी शिकायत

नई दिल्ली। साकेत जिला कोर्ट स्थित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज नेहा ने मदन राजस्थानी और उसके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए। कोर्ट ने एक आरोपी अनिल को बरी कर दिया है।

अदालत ने असोला स्थित शनि मंदिर के प्रमुख मदन राजस्थानी उर्फ दाती महाराज व उनके दो भाइयों के खिलाफ 2018 के दुष्कर्म मामले में मुकदमा चलाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। अदालत के पूछने पर दाती महाराज व अन्य ने अपराध स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें फर्जी मामले में फंसाया गया है और वे मुकदमें का सामना करेंगे। यह मामला उनके एक शिष्य की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

साकेत जिला कोर्ट स्थित विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की जज नेहा ने मदन राजस्थानी और उसके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए। कोर्ट ने एक आरोपी अनिल को बरी कर दिया है।
अदालत ने आरोपी मदन राजस्थानी उनके भाई अशोक और अर्जुन आरोपियों से पूछा के उनके खिलाफ धारा 376, 377, 506 के तहत मुकदमा चलाने के पर्याप्त साक्ष्य हैं, क्या वे अपना अपराध स्वीकार करते है? तीनों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया और मुकदमे का सामना करने का तर्क रखा।

इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तय करते हुए अभियोजन पक्ष को अपने गवाहों को पेश करने का निर्देश जारी किया। शुरुआत में फतेहपुर बेरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई।

दाती महाराज और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 377, 506 आदि के तहत मामला दर्ज किया गया। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में सीबीआई ने भी चार्जशीट दाखिल की थी।

2018 में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पीड़िता के साथ 2016 में दुष्कर्म किया था। उसने यह भी आरोप लगाया था कि बाल ग्राम राजस्थान के गुरुकुल आश्वासन में उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया। उसने कहा था कि उसने पहले शिकायत दर्ज नहीं कराई थी क्योंकि उसे स्वयंभू भगवान से डर लगता था।