रायपुर। राजधानी के टाटीबंध स्थित श्री राधा-रासबिहारी इस्कॉन मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा शनिवार सुबह 4.30 बजे मंगल आरती के साथ शुरू हुई। यह कार्यक्रम सोमवार तक चलेगा। इस समारोह में विदेश भी मेहमान समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।
इस्कॉन मंदिर रायपुर के अध्यक्ष एचएच सिद्धार्थ स्वामी महाराज ने बताया कि, हवन का कार्यक्रम सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। हवन के लिए कुल 21 कुंड बनाए गए। धार्मिक अनुष्ठान के बाद महाप्रसाद वितरण किया गया। सुबह से हरी नाम संकीर्तन चल रहा है। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है।
विदेश से पहुंचे मेहमान
इस आयोजन में जापान, अमेरिका और साउथ अफ्रीका से प्रतिनिधि रायपुर पहुंचे हैं। देश के सभी राज्यों से इस्कॉन के अध्यक्ष भी शामिल हुए हैं। वहीं, 19 अगस्त को सुबह 5 बजे भगवान के विग्रह को नए मंदिर में स्थापित किया जाएगा। जिसके बाद श्रद्धालु नियमित रूप से यहां आकर भगवान श्रीकृष्ण, राधा और बलराम के दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर में हवन करते पुजारी।
12 साल में बनकर तैयार हुआ मंदिर
इस श्रीराधा-रासबिहारी इस्कॉन मंदिर को तैयार होने में 12 साल का समय लगा है। इस्कॉन मंदिर साल 2012 में बनना शुरू हुआ था। परिसर के लिए 2001 में सवा तीन एकड़ जमीन मिली थी। आज इसका विस्तार 10 एकड़ में हो चुका है। मंदिर के निर्माण में अब तक 51 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं। मंदिर परिसर में ही 64 कमरों का सुविधायुक्त गेस्ट-हाउस तैयार किया गया है।
मंदिर के शिखर पर लगा स्वर्ण कलश।
1.25 किलो सोने के बने 13 कलश
मंदिर में 13 शिखर हैं। इन सभी शिखरों पर स्वर्ण कलश लगा लगाए गए है। 1 किलो 250 ग्राम सोने से कलश का निर्माण किया गया है। मंदिर के उद्घाट की प्रक्रिया के शुरुआत में 7 जुलाई को मुख्य शिखर पर स्वर्ण कलश, कपि-ध्वज और सुदर्शन चक्र की स्थापना की गई है। बाकी के 12 कलश 16 अगस्त को स्थापित किए गए है।
मंदिर में लगा 3100 किलो का झूमर
इस्कॉन मंदिर में 3100 किलो का झूमर लगाया गया। क्रिस्टल और पीतल से तैयार 17 फीट ऊंचे झूमर की लागत 45 लाख रुपए है। फेस्टिवल कमेटी के उपाध्यक्ष शुभम सिंघल ने बताया कि, प्रयागराज के शिव राम शुक्ला की टीम ने तीन लाख क्रिस्टल बीड्स को स्टील की तारों में पिरोकर 25 दिनों में बनाया है।
इस्कॉन मंदिर 3100 किलो का झूमर लगाया गया।
दीवार और स्तंभों पर लगे सफेद संगमरमर
मंदिर के फर्श पर गुलाबी और सफेद रंग के पत्थर लगे हैं। दीवार और सभी स्तंभ सफेद संगमरमर से बने हैं। गार्डन को तैयार करने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए। मंदिर के प्रवेश द्वार के ठीक सामने परिसर में गरूड़ स्तंभ बनाया गया है।
विदेशों से आए प्रतिनिधि पूजा अर्चना करते।
38 हजार वर्ग-फीट में वाटरप्रूफ पंडाल
इस आयोजन को लेकर मंदिर परिसर में 38 हजार वर्गफीट का पंडाल बनाया गया है। यहां शाम 6.30 बजे से जयपुर के भारतीय कला संस्थान द्वारा श्रीकृष्ण नंदोत्सव का मंचन किया जाएगा। वही 18 अगस्त को शाम 6.30 बजे से मुंबई के लीला द स्पिरिचुअल रॉक बैंड की प्रस्तुति और 19 अगस्त को शाम 6.30 बजे से वृंदावन के माधवाज रॉक बैंड के कार्यक्रम होंगे।