मथुरा। हरियाली अमावस्या पर सुगंधित फूलों के डोल में विराजित ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के दर्शन के लिए रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भारी भीड़ के दबाव से मंदिर के आसपास की कुंज गलियां भी जाम हो गईं। मंदिर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर भक्तों की लंबी-लंबी कतारें आराध्य की एक झलक पाने के इंतजार में खड़ी दिखाई दे रही थीं।
ग्रीष्मकाल में ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के उद्देश्य से सजाए जाने वाले फूल बंगलों की अनवरत शृंखला का समापन हरियाली अमावस्या पर होता है, लेकिन हरियाली अमावस्या के साथ रविवार को वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई। अल सुबह से ही ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर जाने वाले मार्गों पर भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई।
शृंगार आरती से पहले ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दे रहे थे। वहीं, हरियाली तीज को देखते हुए वृंदावन में सोमवार से वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
दो श्रद्धालु हुए बेहोश
भीड़ के चलते दो श्रद्धालु रघुवीर (55) व सुनीता (48) बेहोश हो गए। इन दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। हरियाली तीज के दिन दोनों समय स्वर्ण-रजत हिंडोले में दिव्य दर्शन देंगे ठाकुर जी हरियाली तीज के दिन ठाकुर श्रीबांकेबिहारी दोनों समय भव्य स्वर्ण-रजत हिंडोले में झूलते हुए दिव्य दर्शन प्रदान कर भक्तों को निहाल करते हैं। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को है।
ठाकुरजी महाराज के सेवायत आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी बताते हैं कि हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती की महान तपस्या के बाद उनका भगवान शिव से दोबारा मिलन हुआ था।
अपने मिलन से प्रसन्नता के आकंठ में डूबे भोलेनाथ पेड़ों पर अपनी जटाओं के माध्यम से झूला बनाकर मां गौरा को झूला झुलाया था, तभी से इस पर्व पर सभी आराध्यदेवों को झूला झुलाने की परंपरा चली आ रही है।