रायपुर।राज्य में 6 से 8 जुलाई तक बस्तर संभाग के जिलों में हैवी रेन का यलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले दो दिन बारिश से न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है। रायपुर, दुर्ग, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा जिले में गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक राज्य में 212.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 1 जून 2024 से 4 जुलाई सुबह तक रिकॉर्ड की गई बारिश के मुताबिक बीजापुर जिले में सबसे ज्यादा 300.8 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 149.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। वहीं गरियाबंद जिले में जुलाई में 27 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
कम बारिश से गरियाबंद की पैरी नदी की धार धीमी हो गई है।
गरियाबंद जिले में जुलाई में 27 प्रतिशत कम बारिश
पिछले साल की तुलना में इस साल गरियाबंद जिले में जुलाई में 27 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इनमें गरियाबंद, छुरा और अमलीपदर तहसील ज्यादा प्रभावित हैं। इसके चलते यहां खेती-किसानी का काम पिछड़ता जा रहा है। कम बारिश से कूकदा पिकप वियर में आने वाली पैरी नदी की धार धीमी हो गई है।
ये तस्वीर धमतरी के गंगरेल डैम की है।
भैंसाझार डैम के खुले गेट, बिलासपुर में निचले इलाकों में अलर्ट
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पिछले पांच दिनों में करीब पांच इंच बारिश हो चुकी है, जो इस सीजन में औसत से 25% ज्यादा है। गुरुवार को एक ही दिन में 291.6 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इधर, लगातार हो रही बरसात और भैंसाझार डैम से 63 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद अरपा नदी लबालब हो गई है, जिसके चलते जिला प्रशासन ने अरपा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है।
जिले में पिछले एक सप्ताह से बारिश में तेजी आई है। जबरदस्त बारिश से पेंड्रा-गौरेला-मरवाही क्षेत्र से बारिश का पानी अरपा नदी में आने लगा है, जिसके कारण जल संसाधन विभाग ने बीते एक जुलाई को ही भैंसाझार डैम के चार गेट खोल दिए हैं। डैम से नदी में 63 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
प्रदेश के बांधों में 33.89 फीसदी पानी भरा
छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून जल्दी आ गया। ऐसा अनुमान था कि इसके जल्दी आने से अच्छी बारिश होगी। लेकिन 4 जुलाई तक प्रदेश के बांधों में 33.89 फीसदी ही पानी भरा है। 46 प्रमुख बांधों की कुल क्षमता 6360.23 मिलियन क्यूबिक मीटर है। जिसमें अब तक बांधों में 2155.78 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा है।
बड़े बांधों के साथ-साथ छोटे बांधों में भी पिछले साल के मुकाबले पानी कम है। 4 जुलाई 2023 को प्रदेश के बांधों में 56.89 फीसदी पानी था। जबकि 2022 में 41.76 प्रतिशत पानी था। लेकिन इस बार सिर्फ 33.89 प्रतिशत पानी ही जलाशयों में भरा है।