नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जनादेश 2024 में ताकत मिलने का दम दिखाया। राहुल ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही शेयर बाजार में घोटाले का आरोप लगा दिया। सच्चाई सामने लाए जाने की मांग की और इसका ठीकरा सीधे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर फोड़ दिया। राहुल ने इसे बड़ा घोटाला और खुदरा निवेशकों के साथ विश्वासघात बताते हुए संसद की संयुक्त समिति यानी जेपीसी से जांच कराए जाने मांग की है।
राहुल गांधी ने जेपीसी की मांग ऐसे समय में की है, जब तीन दिन में नरेंद्र मोदी शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। एनडीए के घटक दल के नेता समर्थन देकर अपने राज्य में लौट चुके हैं। अभी 18वीं लोकसभा का गठन नहीं हुआ है।
क्या राहुल गांधी की मंशा गडकरी-2 की है?
याद कीजिए भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी के पहले कार्यकाल के अंतिम दौर को। गडकरी को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर दूसरे कार्यकाल की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार के समय पूर्ति घोटाले के आरोप ने ऐसा नहीं होने दिया था। गडकरी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दुलारे नेताओं में गिने जाते हैं, लेकिन उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिल सका था। भ्रष्टाचार के आरोप ने वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह को फिर भाजपा का अध्यक्ष बनने का अवसर दे दिया था। कहते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है। राहुल गांधी द्वारा गुरुवार को लगाए गए आरोप को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर दबाव बनाने के साथ-साथ इसी नजरिए से देखा जा रहा है।
राहुल का सवाल- गृह मंत्री ने शेयर खरीदने को क्यों कहा?
राहुल गांधी ने अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह गृह मंत्री थे। उन्होंने देश के निवेशकों से शेयर खरीदने के लिए क्यों कहा? राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री और शाह को नतीजों के बारे में जानकारी थी, फिर उन्होंने टिप्पणी क्यों की। शेयर बाजार पर टिप्पणी क्यों की? मीडिया ने क्यों झूठे एग्जिट पोल दिखाए? राहुल गांधी ने इसमें शेयर बाजार के बड़े घोटाले के षड्यंत्र का आरोप लगाया। राहुल ने कहा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की टिप्पणी से देश के खुदरा निवेशकों के करीब 30 लाख करोड़ डूब गए। यह उनके साथ विश्वासघात है। बड़ा भ्रष्टाचार है।
राहुल गांधी ने जेपीसी की मांग से जुड़े सवाल पर कहा कि जनादेश 2024 के बाद विपक्ष के पास बड़ी ताकत आ गई है। उनका इशारा लोकसभा में कांग्रेस के 99 सांसद और विपक्ष के नेता के रुतबे के साथ-साथ इंडिया गठबंधन की तरफ था। उन्होंने कहा कि हम इसे ऐसे नहीं जाने देंगे। इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। जांच की मांग करेंगे।