पीएम मोदी के ‘ध्यान’ पर भड़की कांग्रेस: खरगे ने कहा- ‘आपके ड्रामा का खर्च कौन उठाएगा? आस्था है तो घर पर करें’

Congress President mallikarjun Kharge reacts on PM Modi's meditation asked who will bear expenses

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी में हैं। वे यहां तीन दिन विवेकानंद मेमोरियल में ध्यान करेंगे। इस पर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में धर्म को नहीं लाना चाहिए। राजनीति और धर्म अलग-अलग विषय है। पीएम मोदी वहां कन्याकुमारी में क्या ड्रामा कर रहे हैं, वहां करीब 10 हजार लोग हैं। यह देश के पैसे की बर्बादी है। देश में आचार संहिता लागू है। इसका खर्च कौन उठाएगा। अगर आपको इतनी ही आस्था है तो आप अपने घर पर यह काम करें। अपनी जेब से खर्च उठाएं।    

भगवा कुर्ते और गमछा में दिखे पीएम मोदी
बता दें, पीएम मोदी के ध्यान का आज दूसरा दिन है। उन्होंने सुबह सूर्योदय के समय उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया। पीएम मोदी के ध्यान का एक वीडियो सामने आया है, वीडियो में पीएम मोदी भगवा कुर्ता और गमछे में दिख रहे हैं। वे स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष बैठकर ध्यान कर रहे हैं। उनके हाथों में माला है और ओम की आवाज गूंज रही है। इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था। यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी।

एक दिन पहले कन्याकुमारी पहुंचे थे
पीएम मोदी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री धोती पहने दक्षिण भारत की पारंपरिक पोशाक में दिखे। उन्होंने ऑफ-व्हाइट रंग का शॉल ओढ़ रखा था। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद भगवती अम्मन मंदिर में प्रार्थना और पूजा-अर्चना की। बता दें, आम चुनाव का प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी हर बार आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं और 2019 के चुनाव प्रचार के बाद वे केदारनाथ गए थे और साल 2014 में वे शिवाजी महाराज से संबंधित प्रतापगढ़ गए थे।  

इन मसलों पर भी साधा निशाना
पीएम मोदी पर निशाना साधने के अलावा, उन्होंने कहा कि आरक्षण छीनने का कोई सवाल ही नहीं है। आरक्षण एससी और एसटी समुदाय के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार दिया जाना चाहिए।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पीएम मोदी गुजरात से हैं। गुजरात का व्यक्ति यह कहता है कि मैं महात्मा गांधी को नहीं जानता तो मैं क्या कहूं। आरएसएस के सदस्य के नाते आपने उनकी विचारधारा और सिद्धांतों का प्रचार किया लेकिन महात्मा गांधी का नहीं। आप 13 साल मुख्यमंत्री रहे और अब पीएम।