नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में हुए मतदान के आखिरी आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, छठे चरण में कुल मिलाकर 63.37% मतदान दर्ज किया गया। इसमें 61.95 फीसदी पुरुष, 64.95 फीसदी महिला और 18.67 फीसदी थर्ड जेंडर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार को बताया कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 63.37 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें 11.13 करोड़ पात्र मतदाताओं में से 7.05 करोड़ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लोकसभा चुनाव के पहले छह चरणों में 87.54 करोड़ मतदाताओं में से 57.77 करोड़ मतदाता वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे हैं। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता वर्ग 96.88 करोड़ है।
चुनाव आयोग (ईसी) के अनुसार, 20 मई को हुए पांचवें चरण के मतदान में 62.2 प्रतिशत वोटिंग हुई। चौथे चरण में मतदान 69.16 प्रतिशत रहा, जो 2019 के आम चुनाव में इसी चरण की तुलना में 3.65 प्रतिशत अधिक है। तीसरे चरण में मतदान का आंकड़ा 65.68 फीसदी रहा। 2019 चुनाव के तीसरे चरण में 68.4 फीसदी मतदान हुआ था। 2024 के चुनाव के दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2019 के दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। मौजूदा आम चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। 2019 के चुनाव में पहले चरण में 69.43 फीसदी मतदान हुआ था।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के छठे दौर में 25 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर वोटिंग हुई। इसमें जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र भी था, जहां मतदान तीसरे चरण की बजाय छठे चरण के लिए स्थगित कर दिया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी, निरहुआ, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और मनोहर लाल समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत का फैसला इसी चरण में ईवीएम में बंद हुआ।
छठे चरण में जिन सीटों पर मतदान हुआ था, उनमें उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की सभी 10, बिहार और पश्चिम बंगाल की आठ-आठ, दिल्ली की सभी सात, ओडिशा की छह और झारखंड की चार सीटें शामिल थीं। वहीं, सबसे कम जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर भी लोग वोट डाले गए थे।
2019 में इन 58 में से 40 सीटें भाजपा ने जीती थीं। वहीं दूसरे स्थान पर बसपा के खाते में चार सीटें गई थीं जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। पिछले चुनाव में इन 58 सीटों पर कुल 64.22% फीसदी वोट पड़े थे। सबसे ज्यादा 84.59 फीसदी मतदान पश्चिम बंगाल में हुआ था। वहीं, सबसे कम 8.98 फीसदी मतदान जम्मू-कश्मीर में दर्ज किया गया था।