अंबिकापुर। कोरबा और सरगुजा जिले के पूर्व कलेक्टर संजीव झा के खिलाफ पुनर्वास की जमीन बेचने के मामले में जांच होगी। आरोप है कि कलेक्टर रहते हुए संजीव झा ने सरगुजा में बांग्लादेशी शरणार्थियों को दिए गए पुनर्वास पट्टे की जमीन को थोक में बेचने की परमिशन दी। इसे लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और EOW में शिकायत की गई थी।
RTI कार्यकर्ता डीके सोनी ने आरोप लगाया है कि शहर से लगे इलाके में पुनर्वास पट्टे की जमीन को थोक में बेचने का परमिशन पूर्व कलेक्टर संजीव झा ने दी है। इस शिकायत पर केंद्रीय लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अवर सचिव रुपेश कुमार ने छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए हैं।
शिकायत में आरोप है कि, दिल्ली में रह रहे शरणार्थी कदम मंडल के पुनर्वास पट्टे की सुभाष नगर स्थित खसरा नंबर 223/12, रकबा 0.400 हेक्टेयर भूमि को राहुल गर्ग और अन्य के पास 21 लाख में बिक्री करने का सौदा हुआ। इसे अनुमति के लिए कलेक्टर के पास प्रस्तुत किया गया।
तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा ने एक माह में पुनर्वास भूमि बिक्री के लिए आदेश जारी किया। आरोप है कि शरणार्थी कदम मंडल की पुनर्वास भूमि को भू-माफिया ने फर्जी अधिकार पत्र बनाकर और फर्जी हस्ताक्षर कर बेच दिया। इसके लिए कलेक्टर को मोटी रकम दी गई।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि, संजीव कुमार झा का तबादला कोरबा होने के बाद सभी प्रकरणों में भू-माफिया से मिली भगत कर करोड़ों रुपए की वसूली की गई। पुनर्वास की भूमि बिक्री की अनुमति प्रदान की गई है। इनमें से आधे से अधिक की अनुमति एक ही दिनांक 26 मई 2022 को प्रदान की गई। इससे साफ तरीके से भ्रष्टाचार दिखाई दे रहा है।
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के ठिकानों पर आईटी छापे के दौरान भी बंगाली जमीनों का मामला भी चर्चा में आया था। तत्कालीन कलेक्टर संजीव झा पूर्व मंत्री अरमजीत भगत के करीबी रहे हैं। कई बड़े प्लाट के परमिशन संजीव ने पूर्व मंत्री के करीबी रहे लोगों के जारी किए हैं। आईटी ने भी इसकी जानकारी मंगाई थी। जिन जमीनों का भू-माफिया ने परमिशन कराया, वे प्लाटिंग कर कई गुना महंगे दामों पर बेच रहे हैं।