लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले भाजपा का खाता खुला, सूरत से मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित

BJP candidate set to get elected unopposed from Surat as all nominees withdraw from fray Updates

सूरत। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में एक सीट आ गई है। दरअसल, गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी प्रत्याशियों के अपने नामांकन वापस लेने के बाद ऐसे समीकरण बने हैं। नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया।

इससे पहले भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सूरत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला कमल भेंट किया है। मैं सूरत लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई देता हूं।

इन लोगों ने वापस लिया नाम
सूरत जिला चुनाव कार्यालय के मुताबिक, मुकेश दलाल को छोड़कर सूरत से मैदान में उतरे सभी आठ उम्मीदवारों (चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों से और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती) ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया।

कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन पहले ही हो चुका खारिज
बता दें कि रविवार को निर्वाचन अधिकारी ने सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रद्द कर दिया था। कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया था।

7 मई को होना है मतदान
गुजरात की सभी 26 सीटों पर 7 मई को मतदान होना है। हालांकि, सूरत सीट का नतीजा पहले ही आ जाने के कारण 25 सीटों पर मतदान होगा। 2019 के चुनावों में भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में सभी 26 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की थी।

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
इस बीच कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि कुंभानी का नामांकन फॉर्म भाजपा के इशारे पर खारिज कर दिया गया। उनका कहना था कि वह इसे हाईकोर्ट में चुनौती देगी। वहीं, पार्टी ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा एमएसएमई मालिकों और व्यापारिक समुदाय के गुस्से से डर गई है। इस वजह से उसने सूरत लोकसभा सीट पर भी ‘मैच फिक्सिंग’ की कोशिश की। इस सीट पर भाजपा 1984 से जीतती आ रही है।