छत्तीसगढ़: कल केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे कृषक उन्नति योजना का शुभारंभ, 25 लाख किसानों के खाते में 13320 करोड़ रुपये किये जाएंगे ट्रांसफर

रायपुर। कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कल 12 मार्च का दिन अविस्मरणीय रहेगा. इस दिन छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी कृषक उन्नति योजना का राज्य स्तरीय शुभारंभ जिला मुख्यालय बालोद स्थित सरयू प्रसाद अग्रवाल स्टेडियम में हजारों किसानों और ग्रामीणों की मौजूदगी में होगा. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के लगभग 24 लाख 75 हजार किसानों को इस योजना के तहत 13 हजार 320 करोड़ रुपये की आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जाएगी.

कृषक उन्नति योजना के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे. इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के दोनों उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, मंत्री रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, सांसद कांकेर मोहन मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधि विशिष्ट होंगे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 3100 रूपये क्विंटल की दर से धान खरीदी की गारंटी दी थी. इस गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का प्रदेशव्यापी शुरूआत 12 मार्च मंगलवार को होने जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को आदान सहायता राशि का अंतरण उनके बैंक खातों में करने के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों सहित विकासखण्ड मुख्यालयों में भी कार्यक्रम आयोजित होंगे.

कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान के मूल्य के मान से अंतर की राशि प्रदान की जाएगी. यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य के 24.72 लाख किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई जिसके एवज में किसानों को 31 हजार 914 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है. किसानों को धान के मूल्य में अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रूपये का भुगतान किए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसानों से की गई उक्त गारंटी भी पूरी हो जाएगी.

किसान हितैषी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने राज्य में किसानों से अपने वायदे के मुताबिक प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने के साथ ही दो साल के धान के बकाया बोनस राशि 3 हजार 716 करोड़ का भुगतान भी किया है. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है. कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीेसगढ़ सरकार ने कृषि के बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की है.

कृषक उन्नति योजना के माध्यम से राज्य के किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपये के मान से अंतर की राशि दी जाएगी. किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल के बजट में 10 हजार करोड़ और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ इस प्रकार कुल 13 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.

छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई अभिनव पहल की जा रही है. जशपुर जिले के कुनकुरी में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी महाविद्यालय प्रारंभ किया जाएगा. इसी तरह सूरजपुर जिले के सिलफिली और रायगढ़ में शासकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के खडगंवा में कृषि महाविद्यालय प्रारंभ होगा.

कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की स्थापना एवं राज्य स्तरीय नवीन कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला के भवन का निर्माण, दुर्ग एवं सरगुजा जिले में कृषि यंत्री कार्यालय तथा रासायनिक उर्वरकों की जांच के लिए सरगुजा जिले में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना भी की जानी है.

राज्य के किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8 हजार 500 करोड़ का लक्ष्य और भूमिहीन कृषि मजदूरों की सहायता के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत भूमिहीन परिवारों को प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने के लिए बजट में 500 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.