कांग्रेस के दो और राजद का एक विधायक पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल, अब बिहार में भाजपा बन जाएगी सबसे बड़ी पार्टी 

Bihar News : CM Nitish Kumar Bihar NDA government has more power as two Congress mla, one RjD mla joined BJP p

पटना। बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फ्लोर टेस्ट के दौरान महागठबंधन को तीन विधायकों का नुकसान उठाना पड़ा था। अब एक बार फिर तिहरा झटका लगा है। फ्लोर टेस्ट के पहले अपने विधायकों को हैदराबाद में रखने वाली कांग्रेस के दो एमएलए ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। इधर तेजस्वी यादव की जन्म विश्वास यात्रा के दौरान ही राजद की एक विधायक ने भी भारतीय जनता पार्टी का रुख किया है।

पार्टी बदलने पर जा सकती है सदस्यता 
बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुमत परीक्षण के दिन लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायकों ने राष्ट्रीय जनता आंतरिक गठबंधन की ओर बैठकर विपक्ष को कमजोर किया था। उन तीन विधायकों की सदस्यता को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। लेकिन अब तीन और विधायकों का महागठबंधन को झटका लगा है। इसमें कांग्रेस के दो और राष्ट्रीय जनता दल की एक विधायक हैं। कांग्रेस से मुरारी गौतम और सिद्धार्थ ने भाजपा का दामन थामा है। राजद से संगीता कुमारी ने यह रास्ता अपनाया है। दल-बदल कानून के तहत इनपर कार्रवाई तय है और तीनों की सदस्यता जाना भी पक्का है। अगर बहुमत परीक्षण से अबतक के विधायकों पर इस कानून के तहत कार्रवाई की गई तो राजद के विधायकों की संख्या 79 से घटकर 75 रह जाएगी और कांग्रेस 19 की जगह 17 पर आ जाएगी।

अब राजद नहीं, भाजपा बन जाएगी सबसे बड़ी पार्टी 
बहुमत से पहले नीतीश सरकार ने राजभवन में भाजपा के 78, जनता दल यूनाइटेड के 45, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के चार और एक निर्दलीय को मिलाकर कुल 128 का समर्थन पत्र सौंपा था। उसके बाद से विश्वास मत तक बार-बार खेला की चर्चा हो रही थी। दावा किया जा रहा था कि सरकार के विधायक टूटेंगे और खेल बहुमत नहीं साबित करने को लेकर होगा। लेकिन, हो गया उल्टा। सरकार की ओर 130 विधायक बहुमत परीक्षण के दौरान बैठे नजर आए। पहले ही पता चला था कि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद और आनंद सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद का साथ छोड़ेंगे। आश्चर्यजनक रूप से एक और नाम प्रहलाद यादव का सामने आया। राजद ने अब तक इनकी सदस्यता को रद्द करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है, क्योंकि ऐसा करते ही उसके विधायकों की संख्या घट जाएगी और सदन में वह सबसे बड़ी पार्टी नहीं रह जाएगी। लेकिन अब यह पक्का हो गया है कि बिहार विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी हो जाएगी। 79 की जगह उसके विधायकों की संख्या घटकर 75 होना अब पक्का ही