छत्तीसगढ़: विधानसभा में गूंजा ‘जादू वाली किताब’ का मुद्दा, शोधपीठ के काम-काज पर भिड़े बृजमोहन-अजय चंद्राकर; अब शिक्षा विभाग करेगा बिल्डिंग निर्माण भी

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को शोध पीठ में होने वाले काम-काज का मुद्दा उठा। विधायक अजय चंद्राकर ने मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से सवाल किया कि शोध पीठ जिन उद्देश्यों के लिए खुले क्या वो पूरे हुए, कितने पद रिक्त हैं, कितना अनुदान मिला और काम क्या हुए?

जवाब में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिस उद्देश्य से शोध पीठ बने वो पूरे नहीं हुए। जब से पीठ बने तब से पद रिक्त हैं, अध्यक्ष की नियुक्तियां भी नहीं हो सकीं। इन्हें कोई अनुदान नहीं मिला है। मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ियों की बात करती रही, मगर छत्तीसगढ़ की विभूतियों के नाम पर शुरू किए गए शोध पीठ में कोई काम नहीं हुआ। जबकि यहां उन महान विभूतियों पर रिसर्च करके इसे देश और दुनिया को बताने का काम होना था।

जादू वाली किताब का जिक्र

विधानसभा में सरकार की ओर से बृजमोहन अग्रवाल से मिली जानकारी के बाद चंद्राकर ने कहा कि- कांग्रेस सरकार ने शोधपीठों को ना ही कोई अनुदान दिया और ना ही शोधपीठों के गठन का उद्देश्य पूरा हुआ है। ये जादू सिर्फ भूपेश बघेल जी की सरकार में ही हो सकता है।

इसी तरह रायपुर में KTU के तहत कबीर शोधपीठ की ओर से संत कबीर जी पर एक साल में तीन किताब लिख दी गई जबकि कोई कर्मचारी-अधिकारी नहीं हैं, तो छपाई कैसे हुई? कहां से पुस्तक छपवाई गई? क्या एक साल में तीन किताब जादू से लिख दिए गए?

बृजमोहन ने इस पर कहा कि मुझे लगता है कि जादू से ही किताबों पर काम हुआ होगा। मगर इसमें किसने पैसा लगाया, किसने किताब लिखी या छपवाई इसका पता विभाग लगाएगा। सदन में इसकी जानकारी जल्द उपलब्ध की जाएगी। इस बीच नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि, इतनी भी जादूगरी ठीक नहीं कि हवा से लड्‌डू निकाल लें। इसका पता लगवाइए किताब कब और कैसे आई।

अब बिल्डिंग बनवाएगें- बृजमोहन

प्रदेश में स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा विभाग के तहत होने वाले भवन सहित अन्‍य निर्माण कार्य शिक्षा विभाग खुद करेगा। विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसकी जानकारी विधानसभा में दी। उन्‍होंने बताया कि अभी स्‍कूल और उच्‍च शिक्षा विभाग के निर्माण कार्यों की जिम्‍मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्‍ल्‍यूडी) और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के पास है।

स्वीकृति और बजट उपलब्‍ध होने के बावजूद दोनों एजेंसियां समय पर निर्माण कार्य नहीं कर पाती हैं। इस वजह से विभाग ने यह फैसला किया है। शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने बताया कि विभाग में इजीनियरिंग शाखा का गठन किया जाएगा और विभाग से संबंधित निर्माण इसी के माध्‍यम से होगा।

अग्रवाल ने यह जानकारी विभाग में प्रश्‍नकाल में कांग्रेस विधायक फूल सिंह राठिया के प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए दी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अहाता वीहिन स्‍कूलों का मुद्दा उठाया। इस पर स्‍पीकर डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि क्‍या भविष्‍य में विभाग कुछ ऐसी व्‍यवस्‍था कर सकता है कि नए स्‍कूल भवन का ड्राइंग डिजाइन बनाते समय ही उसमें अहाता की व्‍यवस्‍था की जाएगी? मंत्री ने कहा कि जहां जरूरत होगी अहाते के साथ ही स्कूल बनेंगे।