नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच आखिर उस फार्मूले से बातचीत बनी, जिसके आधार पर जून में पहली बैठक हुई थी। यह महत्वपूर्ण आधार था कि अगर जरूरत पड़ी तो गठबंधन के लिए एक पांव पीछे भी किया जाएगा। आखिरकार काफी मशक्कत के बाद ‘एक पांव’ वाले फॉर्मूले के साथ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए समझौता कर लिया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए समझौते से उत्तर प्रदेश में न सिर्फ ‘INDIA’ मजबूत हुआ है, बल्कि छिटके और कमजोर हुए गठबंधन की गांठ के मजबूत होने के आसार बढ़ गए हैं।
समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जल्द ही अब पश्चिम बंगाल में टूटे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के गठबंधन को फिर से जोड़ने की कवायद करेंगे। जबकि राज्यसभा के चुनावों के बाद अखिलेश, राहुल और प्रियंका उत्तर प्रदेश में एक मंच साझा करने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस के हुए गठबंधन से अब बिखरे हुए INDI गठबंधन समूह को मजबूती की उम्मीद नजर आने लगी है। दरअसल यह उम्मीद अखिलेश यादव के साथ हुए समझौते से और ज्यादा मजबूत हुई है।
दरअसल, सियासी गलियारों में अब कहा यही जा रहा है कि अखिलेश यादव के गठबंधन से जुड़ने पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस फिर से गठबंधन के साथ आ सकती है। दरअसल ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की मजबूत बॉन्डिंग के चलते इस तरीके के कयास लगाए जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव जल्द ही ममता बनर्जी से बातचीत करने वाले हैं। जिसमें वह गठबंधन को मजबूत करने और वापस ‘INDIA’ से जुड़ने पर ममता बनर्जी को राजी कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि अब जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समझौता हो चुका है तो ऐसे में गठबंधन के उन सभी दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। इस प्रयास में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अखिलेश यादव सिर्फ पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी में भी मजबूत समझौते की बड़ी कड़ी बन सकते हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान तो किया है। जबकि दिल्ली में भी हुई कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बातचीत में कोई खास समझौते जैसी गुंजाइश नजर नहीं आई
हालांकि, सियासी जानकारों का मानना है कि जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ है अगर इस पैटर्न पर एक-एक कदम पीछे करके रास्ता निकाला जाए तो संभव है बातचीत बन सकेगी। समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का हुआ गठबंधन सभी दलों को मजबूती से जोड़ने का भी पूरा प्रयास करेगा। राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि अगर कमजोर पड़े ‘INDIA’ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस उत्तर प्रदेश की तरह मिलाकर समाधान निकलते हैं तो गठबंधन फिर मजबूत होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के हुए समझौते में अब कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 17 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि जो तय हो गया है अब उस पर दोनों दल उत्तर प्रदेश में मजबूती से सियासी मैदान में उतर चुके हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में अखिलेश यादव शामिल भी होंगे और समाजवादी पार्टी का पूरा कुनबा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन को आगे बढ़ाएगा।
राजेंद्र चौधरी के मुताबिक, अखिलेश यादव कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ न सिर्फ संयुक्त सभाएं करेंगे बल्कि गठबंधन के लिए वोट भी मांगेंगे। वह कहते हैं कि राज्यसभा के चुनावों के बाद संयुक्त रैलियां शुरू होंगी। जिसमें न सिर्फ कांग्रेस की सीटों पर समाजवादी पार्टी के नेता जाएंगे बल्कि समाजवादी पार्टी को मिली सीटों पर कांग्रेस के नेता मजबूती के साथ चुनाव प्रचार भी करेंगे।