नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी चयन की कार्यवाही अब अंतिम दौर में है। यूपी के 80 लोकसभा क्षेत्रों में से 6 सीटों पर प्रत्याशी चयन का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरी झंडी के बाद होगा। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक शीर्ष नेताओं द्वारा पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे और जातीय संतुलन के आधार पर करीब 74 सीटों पर प्रत्याशी चयन की कार्यवाही को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस), सुभासपा और निषाद पार्टी को पांच से छह सीटें गठबंधन में मिल सकती हैं। इनमें से भी एक-दो सीटों पर प्रत्याशी सहयोगी दलों के और सिंबल भाजपा का हो सकता है। पहले चरण में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, महामंत्री संगठन बीएल संतोष सहित अन्य केंद्रीय नेताओं के स्तर पर प्रत्याशी चयन की कार्यवाही चल रही है। इसमें पार्टी के प्रदेश के बड़े नेताओं से भी रायशुमारी की जा रही है। 17-18 फरवरी को दिल्ली में होने वाली भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा का सिलसिला शुरू कर सकती है।
इन सीटों पर फैसला लेंगे पीएम
सूत्रों के मुताबिक मथुरा की सांसद हेमा मालिनी, बरेली से संतोष गंगवार, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, गाजियाबाद से सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह, पीलीभीत से वरुण गांधी और कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी की सीट पर फैसला पीएम मोदी के स्तर से होगा। इनमें से संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी और हेमा मालिनी की उम्र करीब 75 वर्ष के दायरे में है। वहीं प्रदेश भाजपा के नेता मेनका गांधी और वरुण गांधी को टिकट देने पक्ष में नहीं हैं।
40 फीसदी सांसदों के टिकट कट सकते हैं
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि राम लहर में मिशन 80 को पूरा करने के लिए पार्टी एक-एक सीट पर गहन मंथन के बाद प्रत्याशी प्रस्तावित करने की योजना पर काम कर रही है। नई लीडरशिप तैयार करने के लिए करीब 40 फीसदी तक मौजूदा सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। पार्टी के प्रत्याशियों की पहली सूची लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले आ सकती है।