बिहार: महागठबंधन सरकार जा रही या टिकेगी? फिलहाल समझें विधानसभा का गणित

Bihar News : CM Nitish Kumar Mahagathbandhan Bihar government in risk, bihar vidhan sabha seat sharing status

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ देशभर के भाजपा-विरोधी दलों को एकजुट करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन की बात कोई नहीं समझ पा रहा है। उनपर प्रेशर पॉलिटक्स का आरोप पक्ष-विपक्ष, दोनों ओर से लगता रहा है। लेकिन, इस बार बात आगे बढ़ गई लगती है। कथित दबाव के नाम पर जो कराना था, वह हो चुका है। अब महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाईटेड के बीच सीधी लड़ाई भी सामने दिख रही है। साथ ही दिख रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा और मोदी के प्रति थोड़े नरम हैं। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता निशाने पर लालू यादव परिवार को ले रहे, नीतीश पर नरमी दिखा रहे। अब जब हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के बाद भाजपा ने अपने विधायकों को पटना बुला लिया है तो बिहार विधानसभा का गणित देखना भी मौजूं है।

विधानसभा चुनाव के बाद भी बदला गणित

बिहार विधानसभा में मौजूदा विधायकों की संख्या वही नहीं है, जो 2020 चुनाव परिणाम में रहा था। भाजपा ने तब 74 सीटें जीती थीं। इसके बाद उसने उप चुनाव में राजद से कुढ़नी विधानसभा सीट छीन ली। इन दोनों को मिलाकर भाजपा की संख्या 75 होती है, लेकिन इस बीच उसने विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया। चूंकि, तीन ही विधायक थे इसलिए दल-बदल के कारण उनकी सदस्यता कायम रही। इस तरह भाजपा के पास अभी 78 विधायक हैं। राजद ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी। उसमें से वह कुढ़नी सीट उप चुनाव में हार गई। इस तरह उसके 74 होते, लेकिन बोचहां सीट उप चुनाव में उसके नाम रही। इस तरह उसके विधायकों की संख्या वापस 75 होती। लेकिन, राजद ने असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों को अपने साथ कर लिया। इस तरह राजद की संख्या 79 है अब। जहां तक तीसरे नंबर की पार्टी जदयू का सवाल है तो उसने 43 सीटों पर चुनाव जीता था। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी के एक और लोजपा के एक विधायक को अपने साथ कर लिया। इस तरह उसके पास 45 विधायक हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय भी साथ है।

बचे बाकी दलों का गणित भी देखें

ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इकलौते विधायक के रूप में विधानसभा में हैं। कांग्रेस के 19 विधायक अपनी जगह पर जमे हैं। सीपीआईएमल के 12, सीपीआई एम के दो, सीपीआई के दो और हम के चार विधायक भी हैं। इस तरह 243 विधायकों वाले बिहार विधानसभा का पूरा गणित है। इसमें ओवैसी की पार्टी किसी तरफ नहीं है। बाकी, हम अब भाजपा के साथ है। शेष वामदल सरकार के साथ भी हैं और नहीं भी।