
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की रणनीतिक बैठकों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड बड़ा फेरबदल किया गया है। सरकार की ओर से पुनर्गठित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में सात सदस्य होंगे। बोर्ड में तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी होंगे। सरकार की ओर से पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड में पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी भी हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य भी बोर्ड में हैं। सात सदस्यीय बोर्ड में बी वेंकटेश वर्मा सेवानिवृत्त आईएफएस हैं।
बुधवार को पीएम मोदी ने की ताबड़तोड़ बैठकें
इससे पहले पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई। इसके बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए), आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक हुई। ताबड़तोड़ बैठकों के बाद एक पूर्ण कैबिनेट की बैठक भी हुई।
सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई
पहलगाम हमलों के बाद दूसरी बार बुलाई गई सीसीएस पहलगाम की घटना के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा हुई। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी। हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की थी। सीसीएस ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।
प्रधानमंत्री की सेना को खुली छूट
इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान भी इस बैठक का हिस्सा थे। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली थी। बैठक उस समय हुई, जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास और भरोसा जताया। प्रधानमंत्री ने कहा, उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।