कोरबा। प्रभु श्रीराम ने वनवास के दौरान शिवरीनारायण में माता शबरी के जूठे बेर खाए थे। इसी कारण इस जगह का नाम शबरी धाम से शिवरीनारायण का नाम पड़ा 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। जिसके लिए पूरे देश में धूमधाम से तैयारी चल रही है ।इसके लिए अनूप यादव, मनोज के नेतृत्व में एक विशेष रथ एक कुंतल मीठे बेर लेकर शबरी के धाम शिवरीनारायण से अयोध्या के लिए रवाना हुआ।
रथ को आकर्षक ढंग से सजा सावरकर बुधवार को शबरी धाम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। प्राणप्रतिष्ठा के दिन रामलला को बेर प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। इसके लिए शिवरीनारायण, जांजगीर, दीपका, कटघोरा में नगर भ्रमण कराकर रथ को अयोध्या के लिए रवाना किया गया। स्पेशल रथ जैसे ही गेवरा दीपका नगर पहुंचा लोगों ने गाजे बाजे आतिशबाजी के साथ आरती थाल सजाकर पूजा अर्चना की और फिर उसे आगे रवाना किया। गेवरा के शक्तिनगर ,राधे कृष्ण मंदिर ,दीपेश्वरी मंदिर आजाद चौक प्रगति नगर ,समलाई माता मंदिर होते हुए कटघोरा के लिए आगे रवाना हुआ।
दीपिका में नगर पालिका अध्यक्ष संतोषी दीवान , मुख्य नगर पालिका अधिकारी लवकेश सिंह पैकरा, समय सभी नगर वासियों ने रथ का स्वागत कर पूजा अर्चना की। यह टीम 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान यहां भगवान राम को प्रसाद (भोग) शिवरीनारायण के बेर से चढ़ाया जाएगा। अनूप यादव ने बताया कि एक क्विटल बेर लेकर विशेष रथ अयोध्या के लिए रवाना हो रहा है। यह बेर शिवरीनारायण सहित आसपास के जंगलों में भगवान राम के भक्त जनों के द्वारा जुटाए गए हैं। साथ ही छोटा बट वृक्ष शिवरीनारायण धाम में लगा हुआ हैं, उसको भी लेकर ले जा रहे हैं जिसे अयोध्या धाम में लगाया जाएगा।
अयोध्या में भी बन रहा शबरीमाता का मंदिर
दरअसल अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर परिसर में कई और मंदिर बनाए गए हैं। इन देवी-देवताओं की मूर्तियों में एक मंदिर माता शबरी का भी है। अयोध्या से पहले छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण में शबरी माता मंदिर है, जिसके बारे कहा जाता है कि यह देश का पहला शबरी मंदिर है। अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राममंदिर में प्रभु श्रीरामलला विराजमान होंगे। वहां प्रभु के साथ उनकी भक्त माता शबरी का भी मंदिर बनाया जा रहा है।