रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू, समीर विश्वनोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया समेत सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल समेत दस आरोपितों से लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में अधिकारियों से डीएमएफ फंड के बारे में जानकारी लेकर प्रतिवर्ष फंड से अर्जित रकम और खर्च की गई राशि का हिसाब-किताब लिया गया। ईडी इस मामले में पूरक चालान पेश करने की तैयारी कर रही है।इसमें विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल, विनोद तिवारी समेत अन्य के नाम भी शामिल करने की चर्चा है।
ईडी की टीम में शामिल दो महिला अधिकारियों ने महिला जेल प्रकोष्ठ में बंद रानू साहू और सौम्या चौरसिया से दो दिनों तक लगातार अलग-अलग बैठाकर पूछताछ की है।इनसे प्रतिवर्ष डीएमएफ फंड से अर्जित रकम और खर्च की गई राशि का ब्यौरा लिया गया है।पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया गया कि छापेमारी के दौरान तलाशी में पहले ही दस्तावेजों जब्त की जा चुकी है।सारी जानकारी वे पहले ही दे चुके हैं।अब उनके पास बताने लायक नया कुछ भी नया नहीं है।
जेल में विवाद की चर्चा, पूछताछ में किया इन्कार
महिला जेल में बंद रानू साहू और सौम्या चौरसिया के बीच विवाद और मारपीट की घटना होने की चर्चा है।इस बारे में ईडी की महिला अधिकारियों ने दोनों से पूछताछ की लेकिन दोनों ने किसी भी तरह के विवाद और मारपीट से इन्कार कर दिया।चर्चा है कि दोनों के बीच तनाव को देखते हुए उन्हें महिला जेल के अलग-अलग सेल में रखा गया है, हालांकि इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।
डायरी में छुपे राज खंगाल रही ईडी
सूत्रों के अनुसार कोल घोटाला मामले में ईडी के हाथ लगी एक डायरी ने घोटाले से जुड़े कई राज खोले हैं।इसके आधार पर ही ईडी की तफ्तीश जारी है। बताया जा रहा है कि डायरी में दर्ज राज के खुलते ही प्रदेश की राजनीति में भूचाल आने की पूरी संभावना है, क्योंकि डायरी में कांग्रेस के एक बड़े नेता का नाम है जिसकी गिरफ्तारी अभी होनी है। गिरफ्तारी के बाद संपूर्ण घोटाले और डायरी का सच सामने आ जायेगा। फिलहाल ये कांग्रेस नेता सरकार बदलते ही अपनी गिरफ्तारी के डर से शहर से गायब हो चुके हैं।ईडी ने उनके घर पर नोटिस भी चस्पा किया है।