छत्तीसगढ़: अब क्लास 1 से लेकर 8वीं तक के बच्चों को परीक्षा देकर होना पड़ेगा पास, पिछले 10 साल से लागू है ग्रेडिंग सिस्टम

रायपुर। छत्तीसगढ़ की शिक्षा नीति में जल्द ही बड़ा बदलाव होगा। अब क्लास 1 से लेकर 8वीं तक बच्चों को परीक्षा देकर पास होना पड़ेगा। अभी तक इन कक्षाओं में बच्चों को सामान्य मूल्यांकन कर पास कर दिया जाता है। इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अफसरों को निर्देश दिए हैं।

एग्जामिनेशन सिस्टम लागू करने को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, अब तक 8वीं तक के बच्चों की परीक्षा बंद कर दी गई थी। अब परीक्षा होगी, भले उन्हें प्रमोशन दे दिया जाए। परीक्षा को लेकर बच्चों और पैरेंट्स में डर होता है। वहीं अच्छे नंबर लाने की प्रतियोगिता भी होती है।

स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, परीक्षा और प्रतियोगिता होने से बच्चों की शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है। उन्होंने कहा कि, स्कूल ड्रॉप आउट होने वाले बच्चे फिर से पढ़ सकें, इसको लेकर भी हम योजना बना रहे हैं। इस पर भी जल्द काम शुरू होगा।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि मंत्री जी की पहल का हम स्वागत करते हैं। इससे प्रदेश में बच्चों के बीच एक हेल्दी कॉम्पिटिशन डेवलप होगा। बच्चों में जिम्मेदारी भी आएगी वो अच्छे नंबर ला सकेंगे। अलग-अलग विषयों में बेहतर करने की संभावना बनेगी।

करीब 10 साल पहले प्रदेश में ग्रेड सिस्टम लागू किया गया। इसके तहत सरकार ने तय किया कि कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को फेल न किया जाए। क्लास स्तर पर इनका मूल्यांकन करने के लिए टेस्ट लिया जाता है। इसके बाद बच्चों को ग्रेड दिया जाता है A से लेकर E तक।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी एग्जाम पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। बच्चों के बीच अच्छे नंबर लाने के लिए उन्हें क्लास में मोटिवेट किया जाएगा। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ये बच्चों पर बोझ साबित न हो, इसलिए उन्हें कम नंबर आने पर दोबारा मौका देने, प्रमोट करने जैसे नियम भी नई व्यवस्था में जोड़े जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को मिलाकर करीब 45 लाख से अधिक बच्चे कक्षा 1 से 8वीं तक के हैं। ये आंकड़ा माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत आने वाले स्कूलों का है। सरकार यदि नई व्यवस्था, सभी की परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था लागू करती है तो इन बच्चों पर इसका सीधा असर होगा।