कांकेर। कांकेर की रहने वाली नर्स संतोषी दुर्गा को 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। वे पेशे से स्वीपर हैं और स्वास्थ्य सहायक के तौर पर काम रही हैं। संतोषी 20 साल में 700 से ज्यादा पोस्टमॉर्टम कर चुकी हैं।
किशनपुरी निवासी संतोषी दुर्गा (35) 19 साल से नरहरपुर स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमॉर्टम का काम कर रहीं हैं। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से बुधवार को संतोषी को जब निमंत्रण मिला तो उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। वहीं स्थानीय लोगों ने भी संतोषी का सम्मान किया।
अयोध्या से न्योता मिलने पर संतोषी ने कहा कि, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे अयोध्या से बुलावा आएगा। भगवान श्रीराम की कृपा से मुझे आमंत्रण पत्र भेज कर बुलाया गया है। भगवान श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य मिल रहा है। दर्शन कर क्षेत्रवासियों की खुशहाली और तरक्की की कामना करूंगी।
संतोषी दुर्गा के पिता भी इसी स्वास्थ्य केंद्र नरहरपुर में नौकरी करते थे। पोस्टमॉर्टम करते वक्त वो शराब का सेवन करते थे, जिसके चलते उन्हें नशे की लत हो गई। संतोषी दुर्गा जब उन्हें मना करती थीं, तो वह कहते थे शव का चीरफाड़ होशोहवास में नहीं हो सकता।
संतोषी दुर्गा ने बताया कि एक दिन शर्त लगाई की बिना नशा किए वो पोस्टमॉर्टम कर सकती हैं। 2004 में पहला पोस्टमॉर्टम कब्र खोदकर निकाले गए 5 दिन पुराने शव का किया। पोस्टमॉर्टम के वक्त न तो उनके हाथ कांपे और न ही बदबू से पीछे हटी। इसके बाद पिता ने शराब तो बंद कर दी, लेकिन कुछ दिन में उनकी मौत हो गई।
संतोषी बताती हैं कि नरहरपुर अस्पताल में जीवन दीप योजना के तहत उन्हें संविदा पर 2600 रुपए वेतन मिलता है। बाकी दिनों में उनसे नर्स या स्वास्थ्य सहायक के रूप में काम लिया जाता है। इन 14 साल में संतोषी ने अपनी एक बहन की शादी भी कर ली है।