छत्तीसगढ़: जल्द हो सकती है संसदीय सचिव और कुछ निगम-मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति; हर संभाग से होंगे दो-तीन संसदीय सचिव

गुरुवार को ओम माथुर रायपुर पहुंचे। आज वे सुबह 9 बजे से लोकसभा से जुड़ी बड़ी बैठक लेने वाले हैं। - Dainik Bhaskar

गुरुवार को ओम माथुर रायपुर पहुंचे। आज वे सुबह लोकसभा से जुड़ी बड़ी बैठक लेने वाले हैं।

रायपुर। भाजपा की नई सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार नया प्रयोग करने की तैयारी में है। अगले छह महीने के अंदर संसदीय सचिव और कुछ निगम-मंडल के अध्यक्षों की नियुक्ति की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो संगठन ने 15 निगम-मंडल के नाम चिन्हित भी कर लिए हैं। इन पर चर्चा होना भी शुरू हो गई है।

हांलाकि अभी तक अध्यक्षों का नाम तय नहीं हुआ है। वहीं संसदीय सचिव को लेकर भी 60-40 के फार्मूले पर चयन किया जा रहा है। इसमें 60 प्रतिशत पहली बार के विधायकों को मौका दिया जाने की तैयारी है, बाकी 40 प्रतिशत एक बार से अधिक बार जीते लोगों को मौका मिलेगा।

दिल्ली के एक राष्ट्रीय स्तर के नेता का कहना है पार्टी लोकसभा के पहले अधिक से अधिक लोगों का कद बड़ा करने में जुटी हुई है। इससे लोकसभा चुनाव में नेतृत्व बढ़ेगा और बचे हुए जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण को भी पार्टी साध लेगी। बता दें कि प्रदेश में 50 निगम, मंडल और आयोग में राजनैतिक नियुक्ति की जाती है।

साय सरकार आने के बाद तत्काल प्रभाव से कांग्रेस सरकार में 21 निगम-मंडल, आयोगों में अध्यक्ष समेत 32 नेताओं की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। ये सभी पद अभी खाली है। अब भाजपा सरकार इन पदों को जल्द से जल्द भरने की तैयारी कर रही है।

चुनाव प्रभारी ओम माथुर गुरुवार की शाम को रायपुर पहुंचे। शुक्रवार को सुबह लोकसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बैठक होनी तय है। इसके साथ ही संगठन में फेरबदल को लेकर भी चर्चा होगी। तीनों महामंत्री के सरकार में मंत्री बनने के बाद पद खाली है। बताया जा रहा है कि 7 दिन के अंदर इनकी नियुक्तियां हो जाएंगी।

प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव की नियुक्ति के बाद से महामंत्री के समीकरण भी बदल गए हैं। अब महामंत्री के लिए संजय श्रीवास्तव, भूपेंद्र सवन्नी और चंपादेवी पावले का नाम लगभग तय माना जा रहा है। बता दें कि सरगुजा संभाग के संजय श्रीवास्तव और दुर्ग संभाग के भूपेंद्र सवन्नी प्रभारी थे। पार्टी ने सरगुजा में 14 सीटें जीती हैं।

विधानसभा चुनाव में जीतने के लगभग एक साल बाद ही पार्टी निगम-मंडल के अध्यक्षों की नियुक्ति करती रही है। पिछली भूपेश सरकार में डेढ़ साल बाद जुलाई 2020 में 12 निगम-मंडल अध्यक्ष नियुक्त गए थे। दिसंबर 2020 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी। इसके पहले रमन सरकार में भी करीब एक साल बाद ही निगम-मंडल अध्यक्षों और संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी। इस बार पार्टी हर संभाग से दो-तीन संसदीय सचिव चुनने की तैयारी में है।