छत्तीसगढ़: एग्जिट पोल ने बढ़ाई कांग्रेस और भाजपा नेताओं की धड़कनें, बागियों और तीसरे मोर्चे की पूछपरख बढ़ी

रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर आए विभिन्न एग्जिट पोल ने कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। एग्जिट पोल में भले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही हो, लेकिन कुछ सीटों पर मुकाबला कांटे का ही बताया जा रहा है।

एग्जिट पोल ने दो से पांच सीटों पर निर्दलीय व तीसरे मोर्चे के प्रत्याशियों के जीतने की भी संभावना जताई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के साथ सरकार बनाने के लिए 46 सीटें जीतनी होंगी। ऐसे में यदि कोई पार्टी दो-चार सीटों से चूकती है तो निर्दलीय व तीसरे मोर्चे से चुने जाने वाले विधायकों की ज़रूरत पड़ेगी। हालांकि प्रदेश का चुनावी इतिहास हमेशा कांग्रेस-भाजपा के बीच ही केंद्रित रहा है और तीसरी ताकतों ने सेंध लगाने के लिए प्रयास किए, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।

पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 68 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, भाजपा को 15 सीट मिली थी। जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) को पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस भारी बहुमत में थी इसलिए तीसरे मोर्चे की जरूरत नहीं पड़ी। इस बार मामला कुछ अलग ही बनता दिख रहा है।

राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार अगर दोनों ही दलों की सीट 45 या इसके आसपास तक पहुंची तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बार बस्तर में कांग्रेस के पूर्व नेता अरविंद नेताम की हमर राज पार्टी की पार्टी चुनावी मैदान में है ,जबकि प्रदेश के कुछ आइएएस अफसरों की ओर खड़ी की गई छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी भी मोर्चे पर है। इसके अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ), आम आदमी पार्टी (आप), बसपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) सहित लगभग 60 राजनीतिक दल मैदान में हैं।