वर्ल्ड कप 2023: अहमदाबाद में नहीं होता फाइनल तो भारत बन जाता वर्ल्ड चैंपियन! जानें विश्व कप नॉकआउट का इतिहास

नईदिल्ली : इस वर्ल्ड कप का फाइनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा, और ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड चैंपियन बन गई. भारत की हार के बाद अहमदाबाद की पिच पर सवाल उठने लगे हैं. क्रिकेट के कई जानकारों का ऐसा मानना है कि अहमदाबाद की पिच टॉस पर काफी निर्भर करती है, क्योंकि ज्यादातर उस पिच पर रात में बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है, जो कि ऑस्ट्रेलिया के हुआ भी.

जब नेता बनें क्रिकेट एक्सपर्ट्स…

ऐसे में फाइनल मैच के लिए टॉस पर निर्भर रहने वाली पिच नहीं होनी चाहिए थी. हालांकि, क्रिकेट एक्सपर्ट्स से इतर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर फाइनल मुंबई या कोलकाता में होता तो भारत वर्ल्ड कप जीत जाती. इसके अलावा शिवसेना के बड़े नेता संजय राउत ने भी कहा अगर फाइनल मैच में मुंबई में होता तो टीम इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बन सकती थी.

वर्ल्ड कप का फाइनल मैच अहमदाबाद की जगह मुंबई या कोलकाता में होता तो टीम इंडिया मैच जीत पाती या नहीं, इस बात को समझने के लिए दो बातों पर ध्यान देना होगा. हमें भारत में हुए आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉकआउट मैचों का इतिहास देखना होगा. भारत में हुए आईसीसी वर्ल्ड कप के ज्यादातर नॉकआउट मैच मुंबई, कोलकाता, दिल्ली या चेन्नई जैसे बड़े मैदानों पर ही आयोजित किए गए हैं.

भारत में हुए वर्ल्ड कप नॉकआउट मैचों में टीम इंडिया का हाल

  • 1987 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल भारत और इंग्लैंड के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें भारत को इंग्लैंड ने 35 रनों से हरा दिया था.
  • उसके बाद वर्ल्ड कप 1996 का सेमीफाइनल मैच भी भारत और श्रीलंका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला गया था. उस मैच में भी भारत को श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
  • उसके बाद 2011 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच मोहाली में आयोजित किया गया था, जिसमें भारत को जीत मिली थी.
  • उसी वर्ल्ड कप का फाइनल मैच मुंबई के वानखाड़े स्टेडियम में खेला गया था, और उसमें भी भारत को जीत हासिल हुई, जब धोनी ने एक ऐतिहासिक आखिरी छक्का लगाकर टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था.
  • उसके बाद टी20 वर्ल्ड कप 2016 में भी भारत का सेमीफाइनल मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखाड़े स्टेडियम में खेला गया था, और तब भी भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
  • उसके बाद अब 2023 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया, और वहां भी भारत को हार का सामना करना पड़ा.

इसका मतलब है कि भारत में हुए वर्ल्ड कप नॉकआउट मैचों में भारत को सिर्फ दो बार ही जीत मिली है, और वो जीत 2011 वर्ल्ड कप में ही आई थी. उसके अलावा भारत ने भारत में हुए सभी वर्ल्ड कप नॉकआउट मैचों में हार का सामना किया है. हालांकि, इस बीच विदेशों में हुए वर्ल्ड कप नॉकआउट मैचों में भी भारत ने हार का सामना किया है.

  • 2014 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को बांग्लादेश के मीरपुर में भी हार का सामना करना पड़ा था.
  • 2015 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में हार का सामना करना पड़ा था.
  • वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल मैच में भारत को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में हुए फाइनल मैच भी हार का सामना करना पड़ा था.
  • वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021 के फाइनल मैच लॉर्ड्स में खेला गया था, जहां भारत को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था.
  • टी20 वर्ल्ड कप 2022 का सेमीफाइनल मैच भारत और इंग्लैंड के बीच एडिलेड में खेला गया था, और उसमें भी भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
  • उसके बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 का फाइनल मैच इंग्लैंड के ओवल में खेला गया था, और उसमें भी भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

दबाव में बिखरती है टीम इंडिया

इन आंकड़ों को देखकर समझ आता है कि वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैचों में भारत की हार का कारण पिच और परिस्थितियों से ज्यादा दबाव होता है. अगर 2011 वर्ल्ड कप को छोड़ दें तो पिछले कई दशकों में भारत को वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैचों में हार ही मिली है. हालांकि, इस साल भारतीय टीम पर उतना दबाब नहीं था, जितना पिछले कई सालों में देखने को मिला था. भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हुए सेमीफाइनल मैच में दबाव पर काबू पाया था, और मैच जीता था, जो कि अहमदाबाद में नहीं हो सका. रोहित शर्मा ने फाइनल मैच से पहले

कहा था कि पिच या टॉस मायने नहीं रखती, जो अच्छा क्रिकेट खेलेगा, वो जीतेगा, और वैसा ही हुआ, लेकिन फिर भी अहमदाबाद की फाइनल पिच वैसी नहीं थी, जैसा फाइनल पिच को होना चाहिए था.

टॉस पर निर्भर थी फाइनल पिच

उस पिच पर दोपहर में बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल था, लेकिन रात में ओस आते ही काफी आसान हो गया. ऐसा ही कुछ आईपीएल 2023 के फाइनल मैच में भी देखने को मिला था, और तब भी महेंद्र सिंह धोनी की टीम सीएसके ने गुजरात द्वारा दिए गए एक बहुत बड़े लक्ष्य का पीछा करके मैच जीत लिया, और आईपीएल चैंपियन बन गई थी. वहीं, अगर यह मैच वानखाड़े या कोलकाता के मैदान पर होता तो हमने देखा था कि कैसे अफगानिस्तान की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को बाद में गेंदबाजी करते हुए फंसा लिया था, और कोलकाता में भी हुए सेमीफाइनल मैच में साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को 213 रन बनाने के लिए भी काफी परेशान कर दिया था. लिहाजा, हम ऐसा जरूर कह सकते हैं कि अहमदाबाद की पिच टॉस पर निर्भर थी, जो फाइनल मैच में नहीं होना चाहिए था.