हाई कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब, दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग

नईदिल्ली : उच्च न्यायालय ने रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग वाली याचिका पर पुलिस को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। आरोप है कि दिल्ली के एक श्मशान में नौ वर्षीय दलित लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या की कथित रूप से राहुल गांधी ने पहचान उजागर की थी।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायाधीश मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने पुलिस को 10 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश देते हुए सुनवाई 21 दिसंबर तय की है। पीठ मकरंद सुरेश म्हाडलेकर नामक एक कार्यकर्ता द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर विचार कर रठी है, जिसमें गांधी के ट्वीट पर आपत्ति जताई गई थी, जिसमें मृत लड़की के माता-पिता की तस्वीरें थीं।

म्हाडलेकर ने कहा कि ये तस्वीरें पीड़ित लड़की की पहचान उजागर कर रही है और परिणामस्वरूप किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम (जेजे अधिनियम) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पोकसो अधिनियम) का उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 और पोक्सो अधिनियम की धारा 23(2) के अनुसार पीड़िता या उसके परिवार के सदस्यों की पहचान का खुलासा नहीं करने का आदेश है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के साथ-साथ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि भले ही घटना लगभग तीन साल पहले हुई थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। एनसीपीसीआर के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। वहीं राहुल गांधी की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने पीठ को बताया कि अदालत ने उन्हें औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है।

बेंच ने कहा कि वह पहले दिल्ली पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट की जांच करेगी और फिर तय करेगी कि क्या करने की जरूरत है। मामला दिल्ली के पुराना नांगल इलाके में एक श्मशान घाट पर लगे कूलर पर पानी लेने गई नौ साल की बच्ची के साथ बलात्कार से संबंधित है, जब श्मशान घाट के पुजारी ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इस क्रूर कृत्य को अंजाम दिया। इसके बाद गांधी ने लड़की के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना देते हुए उनकी तस्वीरें उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गईं। चार अगस्त, 2021 को एनसीपीसीआर ने ट्वीट का संज्ञान लिया और ट्विटर को गांधी के ट्वीट को हटाने का निर्देश दिया क्योंकि इसमें दुष्कर्म पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बारे में संवेदनशील जानकारी थी।

जानें क्या है मामला
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली कैंट एरिया में  नौ साल की बच्ची की हत्या के बाद परिवार पर दबाव डालकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। बच्ची अपने माता-पिता के साथ श्मशान घाट के सामने किराए के घर में रहती थी। बीती एक अगस्त की शाम करीब साढ़े पांच बजे वह श्मशान घाट के कूलर से पीने के लिए पानी लेने आई थी। इसके बाद उसकी संदिग्ध मौत हो गई थी। आरोपियों ने बच्ची की मां को बुलाकर कहा कि करंट लगने से उसकी मौत हो गई है। आरोप है कि उसकी हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया था।

जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल पीड़िता ने पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। पीड़िता के गांव नांगल जाकर मुलाकात भी की थी। राहुल गांधी ने इस मुलाकात की तस्वीर टि्वटर पर पोस्ट भी की थी। गौरतलब है कि नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करना कानूनन जुर्म है।