उत्तरकाशी: 5 से 6 मीटर ड्रिलिंग बाकी, 41 जिंदगियां होंगी कैद से आजाद…दो से चार घंटे में पूरी हो जाएगी ड्रिलिंग 

Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse Workers can come out today rescue operation in final stages

उत्तरकाशी। दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे  41 श्रमिक जल्द बाहर आ सकते हैं।
रेस्क्यू का आज 12वां दिन है।

54 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी

ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे सरिया बाधा बन गई थी। कुछ देर बाद काम शुरू हुआ, लेकिन फिर पत्थर बीच में आ गया। दसवां और अंतिम पाइप डालने का काम जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक दो से चार घंटे में ड्रिलिंग पूरी हो सकती है। अब तक 54 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। 5 से 6 मीटर ड्रिलिंग ही बाकी है।

मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर की ली जाएगी मदद

कुछ ही देर में चिनूक हेलिकॉप्टर भी चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर लैंड करेगा। मजदूरों को एयरलिफ्ट करने की जरूरत पड़ने पर चिनूक हेलिकॉप्ट मदद के लिए तैयार रहेगा। 

800 का फार्मूला सफल

पहले सुरंग में 900 मिमी पाइप को ऑगर मशीन के माध्यम से भेजा था, जो 22 मीटर जाने के बाद अटक गया था। इस पाइप में 800 मिमी का पाइप भेजने का फार्मूला काम आ गया। एक तो 22 मीटर तक 800 मिमी पाइप पर मलबे का दबाव नहीं था। दूसरे मलबे के 25 से 45 मीटर हिस्से में जहां दबाव था, उसे बुधवार शाम को पार कर लिया गया।

ऑगर मशीन फिर आगे बढ़ी

ऑगर मशीन के आगे कुछ सरिया आ जाने से काम रुका जिन्हें कटर से काटकर मशीन फिर आगे बढ़ गई। रेस्क्यू बचाव अभियान से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, रात ऑगर मशीन के सामने जो सरियों की बाधा आई थी उसे एनडीआरएफ की टीम की मदद से गुरुवार सुबह करीब 3 बजे हटा दिया गया था। जल्द मजदूरों के बाहर आने की संभावना है।

सुरंग में फंसे मजदूरों को बीत चुके 266 घंटे

सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को आज 266 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। 12 नवम्बर की सुबह 5:30 बजे हादसा हुआ था। जब अचानक ऊपर से मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर टनल में फंस गए थे। उम्मीद है कि आज मजदूर बाहर निकल पाएंगे।