IND vs AUS फाइनल : भारत के लिए फिर पनौती बने रिचर्ड कैटलब्रो, एक फैसले ने छीन लिया पूरा मैच, जानें पूरा मामला

अहमदाबाद : ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वनडे विश्व कप 2023 का खिताब जीत लिया है। इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 240 रन पर सिमट गई। जवाब में एक वक्त भारत ने 47 रन पर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट गंवा दिए थे। हालांकि, इसके बाद ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने शानदार साझेदारी कर मैच को भारत के हाथ से निकाल लिया। टीम इंडिया को मैच में वापसी के लिए विकेट की जरूरत थी। 28वें ओवर में जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी के लिए आए। इस ओवर की पांचवीं गेंद सीधे जाकर लाबुशेन के पैड पर लगी। बुमराह समेत तमाम फील्डर्स और विकेटकीपर केएल राहुल ने अपील की, लेकिन अंपायर रिचर्ड कैटलब्रो ने उसे नकार दिया।

राहुल को विश्वास था कि लाबुशेन आउट थे। उन दोनों ने कप्तान रोहित से डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) का इस्तेमाल करने कहा और रोहित ने कोई देरी नहीं की। उस वक्त स्टेडियम में मौजूद 1.30 लाख फैंस और करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें उस डीआरएस पर टिकी हुई थीं। अगर वह विकेट टीम इंडिया को मिल जाता तो भारत मैच में वापसी कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंपायर रिचर्ड कैटलब्रो एक बार फिर टीम इंडिया के लिए पनौती साबित हुए। रिव्यू मं दिखा कि यह फैसला अंपायर्स कॉल था। यानी अगर अंपायर ने उसे नॉटआउट दिया तो नॉटआउट, अगर आउट दिया होता तो आउट। अंपायर्स कॉल को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चलता आ रहा है।

रिव्यू में दिखा कि गेंद विकेट से टकरा रही थी, लेकिन वह अंपायर्स कॉल था। अंपायर्स कॉल का मतलब है कि गेंद इधर उधर हो सकती थी, यानी एरर ऑफ मार्जिन का फायदा अंपायर को दिया जाता है। जैसे ही यह अंपायर्स कॉल हुआ कमेंटेटर हर्षा भोग्ले ने कहा- मिलिमिटर से किसी की किस्मत अधर में लटक जाती है। इस तरह अंपायर रिचर्ड कैटलब्रो एकबार फिर भारत के लिए अनलकी साबित हुए। इससे पहले 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल, 2014 टी20 विश्व कप के फाइनल समेत कई फाइनल में टीम इंडिया की हार के दौरान उन्होंने अंपायरिंग की है।

अंपायर्स कॉल की काफी आलोचना हो चुकी है। भारत के पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान, गौतम गंभीर और हरभजन सिंह  समेत पाकिस्तान के वसीम अकरम, शोएब मलिक, मिस्बाह उल हक समेत कई दिग्गजों ने अंपायर्स कॉल की आलोचना की है। उनका कहना है कि अगर गेंद किसी भी तरह से विकेट से टकराती है तो उसे आउट दिया जाना चाहिए। या फिर अगर नहीं देना है तो पूरी तरह से नॉटआउट दिया जाए। ऐसा नहीं हो कि कुछ मौकों पर जब अंपायर उसे आउट कहें तो आउट हो और किसी अहम समय पर उसे नॉटआउट दिया जाए तो बल्लेबाज नॉटआउट हो।