मोहम्मद शमी के गांव में पेड़ पर चढ़कर देखा जा रहा भारत-ऑस्ट्रेलिया का फाइनल मुकाबला; बज रहे ढोल-नगाड़े

अमरोहा। रविवार को पौ फटने के बाद सूरज जैसे-जैसे आसमान चढ़ता गया लोगों का उत्साह भी वैसे-वैसे बढ़ता गया। हर किसी में क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम को जीतते हुए देखने की ललक हिलोरें मार रही है। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज शमी के गांव सहसपुर अलीनगर में भी बड़ी एलईडी पर मैच का प्रसारण चल रहा है। इसे देखने के लिए ग्रामीण पेड़ पर चढ़ गए।

शमी के गांव में भी ग्राम प्रधान नूर सबा ने कुछ ऐसे ही इंतजाम किए हैं। चूंकि शमी के घर पर न तो उनकी मां हैं और न ही उनके भाई हसीब। ग्रामीणों की मानें तो हसीब मैच देखने अहमदाबाद गए हैं। उनकी मां की तबीयत ठीक न होने के कारण वह मुरादाबाद में हैं, इसलिए ग्राम प्रधान ने शमी के घर से करीब पचास मीटर दूर मैदान में बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने का इंतजाम किया गया है।

ढोल-नगाड़े पर ग्रामीणों ने किया नृत्य 

यहां पर दो बजे से पहले ही ग्रामीण जमा हो गए। जगह कम पड़ी तो कई ग्रामीण सामने खड़े पिलखन के पेड़ पर चढ़ गए। इसी दौरान ढोल-नगाड़े पर ग्रामीणों ने जमकर नृत्य भी किया। सियासी लोग भी समर्थकों संग मौके पर जुट गए।

शमी पर टिका भरोसा

मैच शुरू होते ही रोहित शर्मा के आतिशी बल्ले से जैसे ही चौके-छक्के निकले दर्शक जोश में चहक उठे। मगर तभी शुभमन गिल के साथ विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। रोहित शर्मा और विराट कोहली के विकट गिरते ही दर्शकों में जबरदस्त मायूसी छा गई। कुल मिलाकर 240 रनों पर भारतीय टीम सिमट गई।

इसके बाद शमी के गांव में भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। कुछ इसे ऑस्ट्रेलिया की जीत बताने लगे मगर अधिकांश का भरोसा शमी पर टिका रहा। उनका तर्क था कि शमी जिस लय में गेंदबाजी कर रहे हैं, उससे आस्ट्रेलिया को इतना स्कोर छूना आसान नहीं होगा। 

आराधना-दुआ करते नजर आए लोग

कुल मिलाकर भारतीय बल्लेबाजों की पारी समाप्त होते ही लोगों की उम्मीदें शमी से और बेहतर प्रदर्शन की बढ़ गईं। हर किसी को भारतीय गेंदबाजों से अभी जीत की उम्मीद बंधी है। इसके साथ ही लोग आराधना व दुआ करते भी नजर आ रहे हैं।