रामास्वामी बोले- हिंदू धर्म ने ही मुझे आजादी दी, मुझे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए भी प्रेरित किया

नईदिल्ली : हिंदू धर्म ने मुझे यह स्वतंत्रता प्रदान कि मैं अपने नैतिक दायित्वों को समझ सकूं। हिंदू धर्म ने ही मुझे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है। यह कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी का। रामास्वामी शनिवार को द डेली सिग्नल प्लेटफॉर्म द्वारा आयोजित द फैमिली लीडर फोरम कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म पर विश्वास ही है, जो मुझे आजादी देता है।

हिंदू धर्म के बार में बताया
रामास्वामी ने कार्यक्रम में हिंदू धर्म की शिक्षाओं के बारे में बतया। उन्होंने कहा मैं एक हिंदू हूं। मेरा मानना है कि भगवान सच्चा है। भगवान ने हमें एक उद्देश्य के लिए यहां भेजा है। ईश्वर के उस उद्देश्य को साकार करना हमारा कर्तव्य है। हमारा नैतिक कर्तव्य है। हमारे धर्म का मूल है कि भगवान हम सब में निवास करते हैं। इसलिए हम सभी सामान हैं। उन्होंने कहा कि मेरी परवरिश के कारण ही मुझमें परिवार, शादी और माता-पिता के प्रति सम्मान पैदा हुआ है। मेरा घराना काफी पारंपरिक था। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि परिवार ही हमारी नींव है। हमें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। शादी पवित्रता है। शादी से पहले संयम रखना आवश्यक है। बुरे विचार गलत हैं। शादी पुरुष-महिलाओं के बीच होती है। तालाक नहीं होता। पुरुष-महिला भगवान के समक्ष शादी करते हैं। भगवान के सामने अपने परिवार की खुशहालता के लिए शपथ लेते हैं।

हिंदू और ईसाई धर्म में समानताएं
रामास्वामी ने हिंदू और ईसाई धर्म के बीच भी समानता बताई। उन्होंने कहा कि वे साझा मूल्यों के लिए खड़े रहेंगे। मैं क्रिश्चियन हाई स्कूल गया। वहां मैंने 10 आज्ञाएं सीखीं। हमने बाइबल पढ़ी है। धर्मग्रंथों की शिक्षा ली। भगवान वास्तविक है। एक सच्चा भगवान है। उसका नाम व्यर्थ न लें। अपने माता-पिता का सम्मान करें। झूठ मत बोलो। चोरी मत करो। व्यभिचार मत करो। मैंने उस समय जो भी सीखा, सब मुझे परीचित लगा। यह शिक्षाएं सिर्फ हिंदुओं की नहीं हैं। यह शिक्षाएं ईसाईयों की भी नही हैं। असल में यह शिक्षाएं ईश्वर की है। शिक्षाएं भगवान के हैं। आपको क्या लगता है कि क्या मैं आपके लिए ऐसा राष्ट्रपति बन सकता हूं, जो ईसाई धर्म को बढ़ावा दे सके। नहीं, बिलकुल नहीं। मुझे नहीं लगता कि अमेरिकी राष्ट्रपति को ऐसा करना चाहिए। मेरा कर्तव्य है कि मैं उनके मूल्यों के लिए खड़ा रहूं और ऐसा ही करूंगा।