ODI WC: विश्व कप के जरिए आईसीसी-ब्राडकॉस्टर ने जमकर की कमाई, 20 हजार करोड़ तक बढ़ सकती है देश की अर्थव्यवस्था

ICC-Broadcaster earn huge money through ODI World Cup, Indian economy can increase by Rs 20 thousand crores

मुंबई। इस बार का क्रिकेट विश्वकप हर मोर्चे पर कीर्तिमान रच रहा है। प्रसारण दर्शक संख्या की बात हो या स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की या फिर प्रायोजक व टीवी राइट्स से धन कमाने की… यह आयोजन हर लिहाज से जबरदस्त सफल रहा है। भारत- न्यूजीलैंड के बीच पहले सेमीफाइनल मुकाबले को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिकॉर्ड 5.3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लाइव देखा।

विश्वकप-2023 के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 20 प्रायोजकों के साथ भागीदारी की। उसके पास छह वैश्विक भागीदार हैं। इनमें एमआरएफ टायर्स, बुकिंग कॉम, इंडसइंड बैंक, मास्टरकार्ड, अरामको और एमिरेट्स शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आयोजन से आईसीसी को 150 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,249 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान है।  

टीवी पर 12 फीसदी ज्यादा समय 
डिज्नी-स्टार के अनुसार, टीवी पर दर्शकों ने 2019 की तुलना में 12% अधिक समय बिताया। इससे स्टार व डिज्नी को 2,500 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। बीसीसीआई को भी इस विश्व कप से काफी फायदा हुआ है। 10 लाख से अधिक दर्शकों ने स्टेडियम पहुंच कर मैच देखे हैं। पहले सेमीफाइनल तक 42 मैचों के लिए 10 स्टेडियम में 10 लाख से अधिक फैंस रोमांचक मुकाबलों के गवाह बने हैं। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत- पाकिस्तान मुकाबले को देखने के लिए एक लाख दर्शक पहुंचे थे। अब फाइनल में भी इस मैदान पर एक लाख से अधिक दर्शकों का पहुंचना तय है। 

विश्व कप के फाइनल में भारत के पहुंचने से दर्शकों की संख्या बढ़ी है और टूर्नामेंट की लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है। भारत में क्रिकेट फैंस की संख्या सबसे ज्यादा है और विश्व कप का फाइनल कोई भी क्रिकेट प्रेमी नहीं छोड़ना चाहेगा। ऐसे में 19नवंबर को देश में सड़कें सूनी रहने वाली हैं और इससे सबसे ज्यादा फायदा आईसीसी, बीसीसीआई और डिज्नी+हॉटस्टार को (स्टार) को होना है। 

20 हजार करोड़ तक बढ़ सकती है अर्थव्यवस्था 
इस विश्वकप से भारतीय अर्थव्यवस्था में 13 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है। आईसीसी दो से तीन माह में व्यापक रिपोर्ट जारी करेगी। 2019 क्रिकेट विश्वकप के आयोजन से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 3,600 करोड़ रुपये बढ़ी थी।