पाकिस्तान में धड़ाधड़ मारे जा रहे भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी, अब मसूद अजहर का करीबी दाऊद भी लुढ़का

Pakistan Targeted killings of India Most Wanted Terrorist Masood  Azhar confidant Dawood Malik assassinated ne

नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के मारे जाने का सिलसिला शुरु हो गया है। पिछले दिनों इस फेहरिस्त में दो नए नाम सामने आए थे, जिनमें से एक शाहिद लतीफ था, जिसे पठानकोट हमले का मास्टर माइंड बताया जाता है। दूसरा आतंकी आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज है, वह भी पाकिस्तान के भीतर अज्ञात लोगों की गोली का शिकार हो गया था। अब जिस आतंकी के मारे जाने की खबर आ रही है, उसका नाम दाऊद मलिक है, जिसे वैश्विक आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर का करीबी बताया जाता है। ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के अलावा दाऊद मलिक, लश्कर-ए-जब्बर और लश्कर-आई-जांगवी से भी जुड़ा हुआ था। बता दें कि मसूद अजहर, हाफिज सईद, लखवी और दाऊद इब्राहिम आदि को यूएपीए के तहत भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया है।

बालाकोट एयर स्ट्राइक में बच गया था मलिक 
दाऊद मलिक को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरीस्तान में मारा गया है। वे अज्ञात लोगों की गोली का निशाना बने हैं। सूत्रों का कहना है कि इस साल पाकिस्तान में मौजूद भारत के कई मोस्ट वांटेंड आतंकी मारे जा चुके हैं। इतना ही नहीं, भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के अजीबो-गरीब तरह से निशाना बनाए जाने का सिलसिला, केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों में भी चल रहा है। पुलवामा हमले के बाद जब भारतीय सेना ने बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त दाऊद मलिक की वहां पर उपस्थिति बताई जाती है। हालांकि बाद में ऐसी जानकारी सामने आई थी कि उस हमले में दाऊद मलिक बच निकला था। ये सभी आतंकी, आईएसआई की हिफाजत में रहते हैं। दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान, इन आतंकियों को लेकर नए पैंतरे चलता रहता है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से पहले पाकिस्तान ने कहा था कि मौलाना मसूद अजहर, अफगानिस्तान में है। उसकी गिरफ्तारी के लिए अफगानिस्तान को चिट्ठी लिखी गई है।  

पिछले दिनों मारे गए थे ये दो मोस्ट वॉन्टेड 
भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी शाहिद लतीफ, पाकिस्तान के गुजरांवाला का रहने वाला था। कुछ दिन पहले ही उसे अज्ञात हमलावरों ने बहुत करीब से गोली मारी थी। 2016 का पठानकोट हमला, जिसमें भारतीय सेना के सात जवान शहीद हुए थे, शाहिद लतीफ ही उस अटैक का मास्टर माइंड बताया जाता है। उसे आईएसआई से विशेष ट्रेनिंग मिली थी। लतीफ को आतंकी संगठन, जैश-ए-मोहम्मद ने सियालकोट सेक्टर के प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी। दूसरा आतंकी, आईएसआई का एजेंट मुल्ला बाहौर उर्फ होर्मुज है। उसे बलूचिस्तान के क्षेत्र में गोली मारी गई थी। बाहौर के बारे में कहा जाता है कि उसने ही ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा कर आईएसआई के हवाले किया था। भारतीय नौसेना से रिटायर हुए कुलभूषण जाधव इस वक्त पाकिस्तान की जेल में है। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी। वहां से कुलभूषण की मौत की सजा पर रोक लगाई गई है।  

पाकिस्तान में मारे गए हैं ये वॉन्टेड आतंकी 
20 फरवरी को बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज को रावलपिंडी में गोली मारी गई थी। वह केंद्र सरकार के आतंकियों की सूची में शामिल था। उसका काम पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना था। आईएसआई ने उसे हिजबुल मुजाहिदीन का लांच पैड संभालने की जिम्मेदारी दी थी। पिछले माह ‘लश्कर ए तैयबा’ के प्रमुख हाफिज सईद के करीबी अबु कासिम को रावलकोट में गोली मारी गई थी। खालिस्तान कमांडो फोर्स का दुर्दांत आतंकी और भारत में मोस्ट वॉन्टेड परमजीत सिंह पंजवड़ की भी पाकिस्तान में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या की थी। उसके अलावा पाकिस्तान में हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप आतंकी बशीर मीर उर्फ इम्तियाज आलम और जैश का खूंखार आतंकी जहूर मिस्त्री की भी हत्या हुई थी। जहूर मिस्त्री कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल था। कनाडा में भारत विरोधी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी। उस बाबत कनाडा और भारत के बीच विवाद चल रहा है।  

खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा था 
विदेशी मुल्कों में कुछ माह पहले भारत में आतंकवाद फैलाने वाले दो मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकियों का ‘120’ घंटे के भीतर मारे जाना, एक बड़ी घटना थी। पहले खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा मारा गया। 15 जून को बर्मिंघम के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर राष्ट्रीय ध्वज को उताकर उसका अपमान किया था। इसके बाद 19 जून को कुख्यात खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाड़ा में मौत हो गई। वह दो अज्ञात बंदूरधारियों की गोलियों का निशाना बना। ये दोनों आतंकी, एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड टेरेलिस्ट लिस्ट में शामिल थे। हरदीप सिंह निज्जर पर तो एनआईए ने दस लाख रुपये का इनाम रखा था। महज 120 घंटे में दो आतंकियों का मारे जाना, इसके बाद कनाडा और दूसरे मुल्कों में बैठे खालिस्तान समर्थकों का पसीना छूटने लगा था।  

विदेशों में ये आतंकी खुद को महफूज मान रहे थे 
खालिस्तानी आतंकी, विशेषकर ब्रिटेन और कनाडा में खुद को महफूज मान रहे थे। खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर इन दोनों देशों की सरकारों के साथ भारत अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। अवतार सिंह खांडा, जिसने लंदन में स्थित भारतीय दूतावास पर तिरंगे को उतारने का दुस्साहस किया था, वह खुलेआम घूमता रहा। भारत सरकार ने पिछले साल गुरपतवंत सिंह के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का आग्रह किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। मोस्ट वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद गुरपतवंत सिंह भूमिगत हो गया था। पन्नू को पाकिस्तानी आईएसआई का पूर्ण समर्थन हासिल है। उसने खालिस्तान के मुद्दे पर जनमत संग्रह को लेकर पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस दौरान आईएसआई व उसके गुर्गें आतंकी संगठनों के सदस्यों के साथ पन्नू की मुलाकात हुई थी। गृह मंत्रालय द्वारा पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया गया है। निज्जर और खांडा से पहले खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार 6 मई 2023 को पाकिस्तान के लाहौर में मारा गया था।। बशीर अहमद पीर रावलपिंडी में मारा गया। एलईटी आतंकी अब्दुल सलाम भट्टावी भी मई 2023 में पाकिस्तान में मारा गया। इनके अलावा भारत में आतंक फैलाने वाला खालिद रजा को कराची में गोली मारी गई थी।