छत्तीसगढ़: रणविजय सिंह जूदेव के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज, भाजपा के सभी वाट्सएप ग्रुप को छोड़ा

रणविजय सिंह जूदेव बोले-मैं पद छोड़ रहा हूं पार्टी नहीं, टिकट नहीं मिला तो भी निर्दलीय लड़ने की मूर्खता नहीं करूंगा|रायपुर,Raipur - Dainik Bhaskar

रायपुर। देश में जूदेव राजपरिवार अपनी कट्टर संघ विचारधारा के लिए जाना जाता है। आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में राम राज्य परिषद से विजय भूषण सिंह जूदेव सांसद बने थे। उनके बेटे दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी अभियान की वजह से पूरे देश में चर्चित हुए।

संघ ने उनके अभियान को अपना प्रकल्प बनाया और धर्म जागरण सभा की शुरुआत की। उनके भतीजे रणविजय सिंह जूदेव को भाजपा ने 2014 में राज्यसभा भेजा। वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति और घोषणा पत्र समिति में उन्हें सदस्य बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई, लेकिन अब उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। शुक्रवार को उन्होंने भाजपा के वाट्सएप ग्रुप को भी छोड़ दिया।

सवाल: क्या आप पार्टी छोड़ रहे हैं?
जूदेव : मैंने पहले ही संगठन मंत्री से निवेदन किया था कि जिम्मेदारियों से पृथक कर दें। बाकी पार्टी के लिए पिछले तीन पुश्तों से काम कर रहे हैं। अब मुझे लगता है कि फ्रीलांसर टाइप खेलें तो अच्छा रहेगा। मेरी किसी प्रकार की कोई नाराजगी नहीं है।

पार्टी नहीं छोड़ना चाहते हैं, तब क्या चाहते हैं?
जूदेव : मैं पद छोड़ना चाहता हूं, पार्टी नहीं। मैं प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य और घोषणा पत्र समिति सदस्य के पद को छोड़ना चाहता हूं।

चुनाव लड़ने की कहां से इच्छा है?
जूदेव : पार्टी जहां से टिकट देगी, मैं वहां से चुनाव लडूंगा। अगर पार्टी ये सोचती है कि मेरी उपयोगिता दूसरों का प्रचार करने के लिए है, तो मैं करने को तैयार हूं।

पार्टी टिकट नहीं देती है तो क्या निर्दलीय लड़ेंगे?
जूदेव : सवाल ही नहीं उठता। मैं ऐसी मूर्खता नहीं करूंगा। 1967 में मेरे दादा को सतना से चुनाव लड़ाया गया था। साथ ही मेरी दादी को रायपुर विद्याचरण शुक्ल के सामने लड़ाया गया। हम लोग उस नस्ल के हैं। पार्टी जो निर्देश करती है वो करेंगे। पार्टी का विरोध करना विषय ही नहीं है।

पद से मुक्त क्यों होना चाहते हैं?
जूदेव : नियमित रूप से बैठक में नहीं जा पा रहा था। अगर आप समय पर नहीं जा पाते हैं तो वो पद छोड़ देना चाहिए। मैं पिछली दो-तीन बैठक में नहीं जा पाया। प्रभारी आते हैं तो वे निष्कि्रय समझने लगे थे। इसलिए पद छोड़ना ठीक समझा। मैं तो हमेशा से कहता रहा हूं- हमारा प्रत्याशी कमल निशान। पार्टी जिसे टिकट देगी हम उसके लिए काम करेंगे।

आप कहां से टिकट मांग रहे थे?
जूदेव : मैंने अपना निवेदन रायपुर पश्चिम से रखा था। क्योंकि मेरा निवास भी वहां है और हमारा प्रतिष्ठान राजकुमार कॉलेज भी। हमारी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम का हेड ऑफिस भी वहीं है। आप पार्टी को तय करना है कि वो क्या करेगी।