कोटा में NEET की तैयारी कर रही 16 साल की छात्रा ने की आत्महत्या, इस साल का 25वां मामला

Rajasthan 16 year old student preparing for NEET in Kota commits suicide 25th case of this year

कोटा। कोटा में छात्रों की आत्महत्या का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। ताजा खबर यह है कि अब नीट की तैयारी कर रही 16 साल की छात्रा ने जान दे दी है। झारखंड के रांची की रहने वाली छात्रा विज्ञान नगर इलाके में रहकर पढ़ाई कर रही थी। आत्महत्या की सूचना मिलने पर पहुंचे अधिकारियों के मुताबिक जांच जारी है। छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या की, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

कोटा में छात्रों की आत्महत्या का इस साल यह 25वां केस है। राजस्थान पुलिस के पिछले आठ महीनों के डेटा से यह खुलासा हुआ है। मतलब हर महीने औसतन तीन छात्रों ने पढ़ाई के दबाव में आकर आत्महत्या की, यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बता दें, हर साल लगभग दो लाख छात्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में की तैयारी करने के लिए कोटा आते हैं। 

हाईकोर्ट पहुंचा छात्रों की आत्महत्या का मामला 
इस बीच, छात्रों की आत्महत्या का मामला राजस्थान हाई कोर्ट पहुंच गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के कोचिंग संस्थानों, विशेषकर कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या को रोकने के लिए सिफारिशें मांगी हैं। अदालत ने बच्चों की मनोवैज्ञानिक परामर्श पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस बीच कोचिंग संस्थानों के लिए तैयार राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक 2023 पेश करने पर विचार कर रही है। 

सीएम गहलोत सहित कोटा प्रशासन के प्रयास बेअसर 
बता दें कि कोटा में हो रहे सुसाइड को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि, माता-पिता और डॉक्टर समेत सभी हितधारक शामिल हैं। कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम गहलोत सौंपेगी। दो महीने तक रूटीन टेस्ट आयोजित करने पर भी रोक लगाई गई है। 

कोटा में पुलिस की ओर से एक खास तरह का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने कोटा में स्टूडेंट सेल नाम से एक हेल्पलाइन शुरू की है। इस हेल्पलाइन का कार्य कोचिंग, हॉस्टल, मैस आदि के आस पास रहना और स्टूडेंट्स से बातचीत करना है। उनकी समस्याएं जानना, उनका समाधान तलाश कर उनका तनाव दूर करना है। इसके बावजूद भी कोटा में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।