गरियाबंद। बीजेपी प्रत्याशी रोहित साहू को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव शनिवार को गरियाबंद पहुंचे। राजिम में केंद्रीय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे अरुण साव ने कहा कि हर परिवार में नाराजगी होती है, लेकिन उन्हें मना लिया जाता है।
राजिम में शनिवार को बीजेपी ने प्रदेश के पहले चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया है। इसके उद्घाटन के लिए भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का यहां आना नेताओं को मनाने के अभियान का ही एक हिस्सा बताया जा रहा है।
बीजेपी प्रत्याशी रोहित साहू को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव शनिवार को गरियाबंद पहुंचे।
इधर 6 सितंबर को छुरा में आयोजित बैठक में हुए बवाल के बाद अब प्रतिद्वंद्वी दावेदारों ने घोषित प्रत्याशी रोहित साहू के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के बड़े नेताओं ने हल्ला बोलने वालों को दो टूक में कहा था कि घोषित प्रत्याशी का नाम बदलने की परिपाटी भाजपा में नहीं है, जिसके बाद प्रतिद्वंद्वियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाने की ठान ली।
भाजपाई क्यों नही पचा पा रहे रोहित साहू को
साल 2000 में पहले सीएम बने अजीत जोगी, तो रोहित साहू उनके करीबी थे। उस वक्त रोहित सेमरतरा के सरपंच थे। अजीत जोगी से राजिम के भाजपाई प्रताड़ित थे। रोहित को जोगी कांग्रेस ने 2018 का राजिम प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। वे 23,776 वोट लेकर भाजपा के बाद तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में भी रोहित भाजपा का वोट काटू साबित हुए थे। जिसकी वजह से भाजपाई उन्हें नापसंद करने लगे। रोहित ने नवंबर 2021 में भाजपा प्रवेश किया, लेकिन आज भी पार्टी के स्थानीय नेता उन्हें भाजपाई नहीं मानते।
राजिम विधानसभा में प्रत्याशी एलान के बाद भाजपा नेताओं में फैली नाराजगी अब सार्वजनिक हो चुकी है।
केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में भी नहीं पहुंचे कई बड़े चेहरे
राजिम विधानसभा में प्रत्याशी एलान के बाद भाजपा नेताओं में फैली नाराजगी अब सार्वजनिक हो चुकी है। 6 सितंबर को छुरा रेस्ट हाउस में धरम लाल कौशिक के सामने भड़ास निकालने के दिन भाजपा के सभी चेहरे नजर आ रहे थे, लेकिन आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के कार्यक्रम में ये चेहरे फिर से एक बार नदारद दिखे।
पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्वेता शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा जैसे कई दिग्गज आज के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। अब तक प्रत्याशी चयनित हो चुके विधानसभा क्षेत्रों में आज पहले चुनावी केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन था। इधर जहां ज्यादा विवाद वहीं पहला कार्यालय खोलकर आलाकमान ने यह संकेत भी दे दिया है कि निर्णय बदलेगा नहीं।
मीडिया के सवाल के जवाब में अरुण साव ने भी तो टूक कहा कि प्रत्याशी बदलेगा नहीं। भाजपा एक परिवार है, परिवार के सदस्य नाराज हों, तो उन्हें मना लिया जाता है। हम सब मिलकर रोहित साहू को जिताएंगे।
पहले के बैठकों में दिखी थी नाराजगी
प्रत्याशी एलान के बाद उपजी नारजागी को दूर करने लगातार किसी न किसी बहाने राजिम में बड़े नेताओं का दौरा हो रहा है। 4 अगस्त को राष्ट्रीय कैडर के नेता रायपुर संभाग के चुनाव प्रभारी दिलीप जायसवाल राजिम में बैठक लेने पहुंचे थे, लेकिन बड़े नेताओं ने उनका बायकॉट कर दिया। 27 अगस्त को मध्य भारत क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल की बैठक से भी दूरी बनाई गई।जो मौजूद रहे, उन्होंने भी नाराजगी जाहिर की।
30 अगस्त को विधान सभा प्रभारी दीपक महस्के ने बैठक बुलाई। कोर कमेटी और जिला पदाधिकारी मिलाकर राजिम के 35 चेहरे अपेक्षित थे, लेकिन 10 चेहरे भी बैठक में शामिल नहीं हुए।