मुंबई। कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 23 जून को पटना की पहली बैठक के दौरान मजाकिया लहजे में कहा था कि वह उनके दूल्हा बनने का इंतजार कर रहे हैं। लालू ने मजाकिया लहजे में जिस शब्द ‘दूल्हा’ का जिक्र किया, वह भाजपा के बयानों के कारण पहले से चर्चा में था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता बार-बार दुहरा रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बाराती तो जुट रहा, लेकिन यहां तो हर बाराती खुद को दूल्हा के रूप में देखना चाहता है। ‘दूल्हा’ शब्द अब भी फिज़ा में है। वजह विपक्ष दलों के इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान लगे पोस्टर भी हैं। ऐसे ही पोस्टरों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर गतिरोध भी दिख रहा। आइए, करते हैं पोस्टरों की बात।
राहुल, केजरीवाल और नीतीश ही केंद्र में
23 जून को पटना में भाजपा-विरोधी देशभर के दलों की पहली बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुलाई थी। बैठक के पहले उन्होंने सख्त ताकीद की थी कि उन्हें कोई प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट करते हुए पोस्टर नहीं लगाएगा या ऐसी नारेबाजी नहीं करेगा। ऐसा पहले हो चुका था, इसलिए नीतीश ने विपक्षी एकता के लिए यह निर्णय सुनाया था। जदयू नेताओं ने इसे माना भी। लेकिन, कांग्रेस की एक महिला विधायक ने पटना में जगह-जगह पर राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री बताते हुए पोस्टर लगाए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी भावी प्रधानमंत्री बताने वाला पोस्टर लगा था, हालांकि बाद में आम आदमी पार्टी ने अपने उस नेता से किनारा कर लिया था।केजरीवाल इस बैठक से निकल भी गए थे। मीडिया के सामने नहीं आए थे। मीडिया के सामने आए नेताओं की बात खत्म करते समय लालू ने राहुल गांधी की शादी को लेकर बात की थी और कहा था कि वह दूल्हा बनें तो हम बारात जाने की जल्दी में हैं।
मुंबई में लगा नीतीश कुमार यह पोस्टर
मगर, बेंगलुरु में नीतीश पर हमला हुआ
पोस्टरों की बात करें तो बेंगलुरु में हुई भाजपा-विरोधी दलों की दूसरी बैठक राहुल गांधी से ज्यादा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टरों के नाम पर चर्चित हुई। कांग्रेस शासित राज्य में राहुल गांधी को प्रोजेक्ट किया जाना आश्चर्यजनक नहीं था, लेकिन यहां नीतीश कुमार को ‘प्रधानमंत्री पद का अस्थिर प्रत्याशी’ बताते हुए पोस्टरबाजी हुई थी। जहां भी राहुल गांधी के बड़े-बड़े पोस्टर लगे थे, वहीं आसपास बिहार के निर्माणाधीन पुल के गिरने की तस्वीर के साथ नीतीश के बारे में यही प्रचारित किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बैठक के लिए बेंगलुरु पहुंचने पर जब यह पोस्टर दिखा और मीडिया में बात आयी तो कांग्रेस सरकार ने पोस्टर हटवाए। इस बैठक के बाद नीतीश कथित तौर पर नाराज होकर मीडिया से बात किए बगैर वापस आए थे। उन्होंने नाराजगी की खबरों को पटना में एक दिन बाद निराधार बताया था।
मुंबई में तो स्वागत हो रहा है नीतीश का
मुंबई में होने वाली भाजपा-विरोधी इंडिया गठबंधन की बैठक से कुछ ही दिन पहले जदयू ने 18 प्रदेशों में पार्टी के अध्यक्षों के नाम की घोषणा की थी। अब जब वह गुरुवार को मुंबई पहुंचे तो उनके स्वागत में जदयू के पोस्टर भी नजर आए। इन पोस्टरों के मायने अभी नहीं निकाले जा सकते, लेकिन इतना तो तय है कि कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में नीतीश के खिलाफ जो माहौल पोस्टरों से बना था- उससे अलग मुंबई में स्वागत हो रहा है। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी एक नेता का महाराष्ट्र में अच्छा प्रभाव है और ग्रैंड हयात होटल के रास्ते पर नीतीश कुमार के स्वागत की तस्वीरें इंडिया गठबंधन के बाकी नेताओं को भी साफ-साफ दिख रही हैं।