नई दिल्ली। चार साल पहले ऐतिहासिक ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म होने के बाद तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि कुलदीप यादव हमारे विदेश में नंबर एक स्पिनर होंगे। उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि कानपुर का यह स्पिनर टीम प्रबंधन की योजनाओं का ही हिस्सा नहीं रह गया, लेकिन हार नहीं मानने के जज्बे और जबरदस्त धैर्य ने कुलदीप को पांच अक्तूबर से होने वाले वनडे विश्व कप के लिए टीम इंडिया के स्पिनरों की दौड़ में सबसे आगे निकाल दिया है। घुटने की सर्जरी के बाद कुलदीप ने जबरदस्त वापसी करते हुए बीते एक साल में 18 वनडे मैचों में 32 विकेट लिए हैं। उनका यह प्रदर्शन विश्वकप की टीम में शामिल होने के दावेदार अन्य स्पिनरों रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल से बेहतर है।
वेस्टइंडीज दौरे पर कुलदीप यादव ने अपने प्रदर्शन से दिखाया कि वह विश्व कप की टीम में शामिल होने के न सिर्फ मजबूत दावेदार हैं बल्कि वह टीम के मुख्य स्पिनर की भूमिका भी निभा सकते हैं। वेस्टइंडीज दौरे पर उन्होंने सिर्फ वनडे में ही नहीं बल्कि टी-20 में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने चार टी-20 मैचों में 92 रन देकर छह विकेट लिए, जबकि तीन वनडे में उन्होंने 61 रन देकर सात विकेट लिए। इस दौरे पर न सिर्फ उन्होंने विकेट लिए बल्कि उन पर रन बनाना भी आसान नहीं रहा।
ईशान किशन और कुलदीप यादव – फोटो : सोशल मीडिया
बीते एक साल में छोड़ी छाप
कुलदीप की सितंबर, 2021 में घुटने की सर्जरी हुई थी। फिटनेस हासिल करने के बाद वह अगले वर्ष श्रीलंका दौरे पर गए, लेकिन अगस्त, 2022 में हुए जिम्बाब्वे दौरे से उन्होंने लगातार वनडे टीम में जगह बनाकर रखी। इस दौरे के बाद से उन्होंने 18 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 20.62 की औसत से 32 विकेट लिए हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 18 रन देकर चार और वेस्टइंडीज दौरे पर छह रन देकर चार विकेट लिए। इन दोनों ही मैचों में वह मैन ऑफ द मैच बनें। कुलदीप ने अपने वनडे करियर में 84 मैचों में 141 विकेट लिए हैं।
युजवेंद्र चहल – फोटो : सोशल मीडिया
साथी स्पिनरों से भी रहे आगे
टीम में शामिल होने के दावेदार दूसरे स्पिनरों के बीते एक साल में किए गए प्रदर्शन की बात की जाए तो युजवेंद्र चहल ने 12 जुलाई, 2022 से अब तक 11 वनडे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24.05 की औसत से 17 विकेट लिए। वह वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों में नहीं खेले। उन्होंने अपना अंतिम वनडे इस साल 24 जनवरी को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था, जिसमें उन्होंने 43 रन देकर दो विकेट लिए थे। उन्होंने 72 मैचों में 27.13 की औसत से 121 विकेट लिए हैं।
रवींद्र जडेजा बीते एक साल में सिर्फ सात वनडे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 34.66 की औसत से 6 विकेट लिए हैं। जडेजा ने 177 वनडे में 37.27 की औसत से 194 विकेट लिए हैं। अक्षर पटेल ने बीते एक वर्ष में 11 मैचों में 26.90 की औसत से 11 विकेट लिए हैं। वह 52 मैचों में 31.48 की औसत से 58 विकेट ले चुके हैं। आर अश्विन 21 जनवरी 2022 को पार्ल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम वनडे खेले थे। फिलहाल उन्हें विश्व कप की योजनाओं से बाहर बताया जा रहा है।
कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा – फोटो : सोशल मीडिया
गेंदों में लाए तेजी
कुलदीप के कोच कपिल पांडे का मानना है कि उनके शिष्य की हालिया सफलता में उनके धैर्य और मेहनत का बड़ा योगदान है। कुलदीप बीते कुछ वर्षों में अपनी गेंद में तेजी लेकर आए हैं, जिसका उन्हें फायदा मिला है। वह कुछ गेंदों तो 96 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भी कर रहे हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उन्होंने धीमी गेंदें फेंकना छोड़ दिया है। वह गेंदों में मिश्रण बखूबी कर रहे हैं।
लॉकडाउन की मेहनत का मिला नतीजा : कपिल
कपिल के मुताबिक कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन में की गई मेहनत के परिणाम मिल रहे हैं। कपिल बताते हैं कि जब लॉकडाउन लगा था तो उन्होंने कुलदीप के लिए विशेष अनुमति लेकर रोवर्स मैदान में उन्हें रोजाना अभ्यास कराया था। वह शाम को छह बजे रोज आ जाते थे और यह अभ्यास रात 12 बजे तक चलता रहता था। उसी दौरान गेंदों की तेजी, विकेट लेने वाली गेंदों पर काम किया गया। कपिल बताते हैं कि वेस्टइंडीज दौरे पर कुलदीप ने गुगली पर काफी काम किया। वैसे उनका मुख्य हथियार चाइनामैन गेंद है, लेकिन यहां उन्होंने गुगली को अपना प्रमुख अस्त्र बनाया, जिसका उन्हें फायदा मिला।
बीते एक साल में भारतीय स्पिनरों का वनडे में प्रदर्शन
क्रिकेटर | मैच | विकेट | औसत |
कुलदीप यादव | 18 | 32 | 20.62 |
युजवेंद्र चहल | 11 | 17 | 24.05 |
रवींद्र जडेजा | 07 | 06 | 34.66 |
अक्षर पटेल | 11 | 11 | 26.90 |