नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा-स्मॉल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में बिक्री के लिए लैपटॉप और कंप्यूटर लाने की योजना बनाने वाली किसी भी इकाई या कंपनी को अब अपने इनबाउंड शिपमेंट के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस लेना होगा। इस संबंध में अधिसूचना विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई थी। एचएसएन 8741 कोड के अंतर्गत आने वाले अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर सहित इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की सात श्रेणियों के आयात पर भी पाबंदी लगाई गई है। सरकार के इस फैसले के बाद लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमत में बढ़ोत्तरी हो सकती है। चलिए समझते हैं कि इस फैसले का उपभोक्ताओं पर क्या असर होगा? साथ ही भारत कौनसी कंपनियों के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आयात करता है, के बारे में भी जानेंगे।
महंगे हो सकते हैं इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स
सरकार ने एचएसएन 8741के अंतर्गत आने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की सात श्रेणियों के आयात पर भी पाबंदी लगाई गई है। यानी यह नियम लेनोवो, एचपी, आसुस, एसर, सैमसंग जैसे अन्य पीसी निर्माताओं पर भी लागू होगा। इससे भारतीय बाजार में मौजूदा लैपटॉप, कंप्यूटर, मैकबुक और मैक मिनी की कीमत में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
बता दें कि सैमसंग, डेल, एसर, लेनोवो, एलजी, पैनासोनिक और एपल इंक तक के लैपटॉप भारत में बिक्री के लिए चीन जैसे देशों से आयात किए जाते हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले से इन कंपनियों के सामने डिमांड एंड सप्लाई की मुसीबत बढ़ सकती है और लैपटॉप, कंप्यूटर की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। यानी इसका सीधा असर फिलहाल उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।
मेक इन इंडिया पर जोर दे रही सरकार
सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया है जब मेक इन इंडिया पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग निकाय मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के पूर्व महानिदेशक अली अख्तर जाफरी का कहना है कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य विनिर्माण को भारत में बढ़ावा देना है। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत दो दर्जन क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन देकर स्थानीय विनिर्माण को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए कंपनियों के लिए 2 बिलियन डॉलर (करीब साढ़े 16 हजार करोड़ रुपये) की विनिर्माण प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन करने की समय सीमा भी बढ़ा दी है, जिसमें लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर जैसे उत्पाद शामिल हैं। अब आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त कर दी गई है।
क्यों लगाए गए ये प्रतिबंध?
आईटी हार्डवेयर के लिए हाल ही में नवीनीकृत उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इन उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस कदम की घोषणा की गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसने चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों के आने वाले शिपमेंट पर भी कटौती की है। हालांकि, इन प्रतिबंधों को लगाने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। कुछ हार्डवेयर में संभावित रूप से सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसको लेकर यह पाबंदी लगाई गई है।
डीजीएफटी ने अपनी अधिसूचना में कहा कि अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी और उत्पाद विकास उद्देश्यों के लिए प्रति खेप 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंसिंग से छूट प्रदान की जाती है। प्रतिबंध के तहत उत्पादों को आयात के लिए सरकार से लाइसेंस या अनुमति की आवश्यकता होती है। इस कदम से चीन जैसे देशों से आयात में कटौती की उम्मीद है।
क्या है HSN 8741 कैटेगरी?
हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नॉमेनक्लेचर (HSN) कोड एक वर्गीकरण प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल उत्पादों की पहचान करने और उन पर टैक्स लगाने के लिए किया जाता है। इस कैटेगरी में अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर वाले कंप्यूटर और सर्वर आते हैं।